गाजियाबाद: पूरा देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है, तो वहीं अब देश को काले फंगस का काला ग्रहण लग चुका है. भारत में अब लगातार काले फंगस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. दिल्ली-एनसीआर गाजियाबाद में लगभग 11 मामले ऐसे सामने आए हैं. गाजियाबाद में काले फंगस का इलाज ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर बृजपाल त्यागी कर रहे हैं. 


खतरनाक है जानलेवा ब्लैक फंगस


एबीपी गंगा ने उनसे बात की और जानने की कोशिश की, कि कैसे यह ब्लैक फंगस इंसान को अपनी गिरफ्त में ले लेता है, जिसके बाद धीरे-धीरे उसकी जान ले लेता है. इन तमाम मुद्दों पर हमने बात की तो डॉक्टर बृजपाल त्यागी बताते हैं, कि, ब्लैक फंगस ज्यादातर उन मरीजों को हो रहा है जिनको पहले कोरोना था. कोरोना वायरस तो ठीक हो गया लेकिन ब्लैक फंगस ने उनको जकड़ लिया है. जिनका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होता है, उन को सबसे ज्यादा यह ब्लैक फंगस का खतरा रहता है. इसके शुरुआती लक्ष्ण नाक से पानी आना, सर में दर्द होना जैसी चीजें हैं. अगर ब्लैक फंगस का समय से तुरंत इलाज न किया जाए तो इसका खामियाजा मरीज को अपनी जान देकर भुगतना पड़ता है. कोरोना वायरस के मुकाबले ब्लैक फंगस का डेथ रेट बहुत ज्यादा है. हर 100 मरीज में से हम सिर्फ 5 को ही बचा पाते हैं, जबकि 95 मरीज को मौत का सामना करना पड़ता है.


नहीं मिला रहा है एंफोटेरिसीन- बी इंजेक्शन 


डॉक्टर बीपी त्यागी से बात कर ही रहे थे कि, उन्होंने बताया जिस तरह से कोरोना वायरस के समय पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी देखने को मिली थी, उसी तरह से अब काले फंगस में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन एंफोटेरिसीन- बी की कमी देखने को मिल रही है. हमारे पास इस वक्त 11 मरीज हैं, लेकिन मैं कल से परेशान हूं और इन इंजेक्शन का इंतजाम नहीं कर पा रहा हूं.


इसके बाद हमने उन मरीज के तीमारदारों से बात की, जिनके अपने ब्लैक फंगस की बीमारी में फंसे हुए हैं, तो उन्होंने बताया कि वह नाम इन्फोटेरिसीन इंजेक्शन के लिए लगातार दर-दर भटक रहे हैं. लेकिन पूरे गाजियाबाद में एक इंजेक्शन उन्हें नहीं मिला है. जिसके चलते उन्हें काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के बाहर कई घंटे लाइन में लगने के बाद वह इंजेक्शन का इंतजाम कर पाए हैं.


सीएम के दौरे के बाद भी नहीं सुधरे हालात


जहां एक तरफ सोमवार को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ गाजियाबाद के दौरे पर थे और उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस से निजात पाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पहले से ही काम कर रही है.  इसके लिए हमने एडवाइजरी भी जारी की है. साथ ही हम लगातार इस पर काम कर रहे हैं. अपनी एक टीम बनाकर आगे की रणनीति भी तैयार कर रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दावे और धरातल की तस्वीरें दोनों आपस में इत्तेफाक नहीं रखती दिखाई देती है.


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