बाराबंकी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को स्वावलम्बी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए देश भर में किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी. मगर उनके अधिकारियों ने शायद इस योजना को भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया. केवल बाराबंकी की बात करें तो लगभग ढाई लाख अपात्र लोगों को यह सम्मान निधि दे दी गयी. अब जब मामले का खुलासा हुआ तो अपात्रों से धनराशि की वापसी का अभियान शुरू किया गया है. अपात्र ढाई लाख लोग किसान सम्मान निधि ले गए, यह बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि दस्तावेज खुद इसकी गवाही दे रहे हैं. वहीं, इस खुलासे से विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है.


अपात्रों को मिल गया पीएम सम्मान निधि का रुपया


दरअसल कृषि विभाग के रिकॉर्ड खुद बता रहे हैं कि लगभग ढाई लाख अपात्र लोगों ने किसान सम्मान निधि का अरबों रुपये ले लिया है. अब किसानों ने पैसा लिया है या किसानों के नाम पर अधिकारी पैसा डकार गए हैं. यह भ्रष्टाचार है या लापरवाही, यह तो विस्तृत जांच के बाद ही पता चलेगा. लेकिन अगर यह लापरवाही है तो ढाई लाख लोगों को दिया गया छह-छह हजार रुपया अब वापस आएगा कैसे? यह अपने आप में बड़ा सवाल है.


साल के मिलते हैं छह हजार रुपये


कृषि विभाग के काउंटर पर कतार में खड़े किसानों ने बताया कि वह लगातार यहां आ रहे हैं, मगर उनकी समस्या का समाधान अब तक नहीं हो पाया है. साल में उन्हें दो-दो हजार की तीन किश्तें अर्थात साल के छह हजार रुपये मिलते हैं. किसी को एक किस्त तो किसी को दो किस्त मिली है. शेष के लिए वह दौड़ रहे हैं. यहां आने पर कभी उन्हें बैंक केवाईसी के लिए भेजा जाता है, तो कभी आधार अपडेट नहीं होना बताया जाता है. हर रोज उन्हें नई-नई कमी बतायी जाती है. वहीं, काउंटर से बाहर किसानों का ब्योरा रखने वाली महिला सीमा देवी ने बताया कि हर रोज यहां करीब सैकड़ों की संख्या में किसान आते हैं. कृषि विभाग में काउन्टर संभाल रहे कनिष्ठ सहायक मनीष कुमार ने बताया कि जिन लोगों का नया होना है उनका हम तुरन्त कर दे रहे हैं. जिनके आधार गलत हैं, उनका भी ठीक कर दे रहे हैं. मगर जिनकी अकाउन्ट सम्बन्धी समस्या है, उन्हें हम बैंक भेज रहे हैं. यहां काम होने में कोई समस्या नहीं है.


रिकवरी की जा रही है


सके अलावा बाराबंकी में उपनिदेशक कृषि अनिल कुमार सागर ने बताया कि जब यह सूची तैयार हुई थी तो रात-रात भर काम करके सूची तैयार की गई थी. इसमें कुछ अपात्र लोगों को भी पैसा चला गया था. जिसकी रिकवरी के लिए सूचना भेजी गई है और एक लाख रुपये से ज्यादा की रकम वापस जमा भी हो गयी है. जो लोग बचे हैं उनको भी सूचना भेजी गयी है. अगर धनराशि वापस जमा नहीं होती है तो संबंधित के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी.


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