Basti News: बस्ती सुगर मिल के मशीनों को काटकर कबाड़ के भाव बेंचा जा रहा है. मिल के ऊपर 160 कर्मचारियों का करीब डेढ़ करोड़ रूपया बकाया है. भुगतान को लेकर 10 वर्षों से लगातार आंदोलन चल रहा है, मिल नीलाम हो चुकी है. कर्मचारियों का बकाया भुगतान करने की बजाय मिल मालिक, जिला प्रशासन और दलाल मिलकर एक साजिश के तहत जोर जबरदस्ती से मिल के सारे उपकरण भी उठा ले जा रहे हैं. बुधवार को पता चला कि मिल गेट पर धरना दे रहे कर्मचारियों की मांगों को अनसुना कर एसडीएम शत्रुघ्न पाठक मिल के उपकरणों को ट्रक में लदवाकर सुरक्षाकर्मियों के सहयोग से मिल से बाहर निकलवा रहे हैं.


इसकी जानकारी मिल के कर्मचारियों और किसानों व कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पाण्डेय को जैसे हुई. इसके बाद सदर विधानसभा से चुनाव लड़ चुके वरिष्ठ कांग्रेसी नेता देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव दर्जन भर कांग्रेसी सुगर मिल पहुंच गये. यहां धरना दे रहे संजय कुमार सिंह, साधू सिंह, रामशब्द चौधरी आदि से बातचीत किया. इसके बाद मिल गेट पर ड्यूटी दे रहे सुरक्षाकर्मियों से अंदर संदेश भेजवाया कि कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल उनसे इस संदर्भ में वार्ता करना चाहता है. संदेश पहुंचते ही एसडीएम आगबबूला हो गये और मिल गेट के बाहर निकलकर कांग्रेस नेताओं को आदर्श आचार संहिता की धमकी देने लगे.


क्या है पूरा मामला
आपको बता दें मिल के 160 कर्मचारी पिछले कई वर्षों से धरनारत हैं. वर्ष 2013 से मिल बंद होने के कारण उनका परिवार भुखमरी के कगार पर है. मिल प्रशासन, कर्मचारी यूनियन और पूर्व के जिलाधिकारी के समक्ष बकाया भुगतान को लेकर 10 बिंदुओं पर समझौता हुआ था. सभी बकाया भुगतान 30 दिसंबर 2023 तक किये जाने पर सहमति बनी थी.


समझौते में यह भी कहा गया था कि बकाया भुगतान करने के बाद ही मिल को नीलाम किया जायेगा. समय बीत जाने के बावजूद श्रमिकों का बकाया भुगतान नहीं किया गया. उल्टे जिला प्रशासन और मिल प्रशासन की मिलीभगत से मिल की मशीनरी को अवैध तरीके से काटकर कबाड़ के भाव बेचा जा रहा है. 


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