Basti News: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) नजदीक है. ऐसे में अब जनता विकास को लेकर अपने नेताओं से सवाल पूछने का काम शुरू कर दिया है. जनता के जागरूक होने का असर है कि नेता जी दबे पांव वापस लौटने को मजबूर हो रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश (UP) के बस्ती के सदर ब्लॉक (Sadar Block) में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब सैकड़ों प्रधान मिलकर पूरे दफ्तर पर कब्जा जमा लिया और तालाबंदी करके धरने पर बैठ गए.


इस बीच ब्लॉक में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे बीजेपी के जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी और ब्लॉक प्रमुख राकेश श्रीवास्तव को भी प्रधानों ने कार्यालय के अंदर ही ताला मारकर बंधक बना लिया, जिसके बाद हड़कंप मच गया. आनन-फानन में मौके पर एसडीएम ने फोर्स के साथ पहुंचकर बातचीत की और मामले को शांत कराया.


धूल फांक रही विकास की फाइल


बताया जा रहा है कि पिछले दो महीने से विकास की सारी फाइल धूल फांक रही है. प्रधानों की ओर से अपने-अपने गांव में विकास के कामों की फाइल पहुंचाने के बाद जूते घिस गए लेकिन कोई भी कार्य ब्लॉक के प्रमुख और बीडीओ की तरफ से पास नहीं किया जा रहा. इससे आजिज आकर मंगलवार को सदर ब्लॉक के सैकड़ों प्रधान वहां इकट्ठा हुए और धरना देना शुरू कर दिया.


कर्मचारियों को बाहर निकालकर की तालाबंदी


इसके बाद सभी प्रधान ऑफिस में घुसे और कर्मचारियों को बाहर निकालकर तालाबंदी कर दी. इस दौरान ब्लॉक में आयोजित प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यक्रम में पहुंचे बीजेपी के जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी और ब्लॉक प्रमुख मौजूद थे. इन्हें ग्राम प्रधानों ने ब्लॉक के अंदर ही ताला लगाकर बंद कर दिया. घंटों तक तालाबंदी का ड्रामा चलने के बाद मौके पर एसडीएम विनोद पांडे पहुंचे. उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष को मुक्त करवाया और ब्लॉक से अपने गंतव्य तक भेजा. साथ ही एसडीएम ने समझा-बुझाकर धरना खत्म करवाया.


प्रधान संघ ने पूरे मामले पर क्या कहा?


प्रधान संघ का कहना है कि ब्लॉक के बीडीओ राजेश सिंह हैं और मनरेगा का चार्ज परियोजना निदेशक के पास है. जब प्रधान उनसे विकास कार्यों की फाइल को पास करने की बात करते हैं तो उन्हें यह कहा जाता है कि 'मैं जबरदस्ती चार्ज पर हूं, मेरे पास बहुत काम रहता है.' ऐसे में अधिकारी की उदासीनता की वजह से ब्लॉक के माध्यम से गांव में होने वाले विकास कार्य रुके पड़े हैं और जनता उनसे जवाब मांगती है. इसी से परेशान होकर प्रधानों ने तालाबंदी करके अपना विरोध प्रदर्शन जताया है.


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