UP Politics: 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव की सरगर्मी जारी है. क्षेत्रीय दल भी अपनी अपनी भूमिका का आंकलन करने में जुटे हैं. गठबंधन के दौर में सौदेबाजी भी जारी है. पीस पार्टी (Peace Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर मोहम्मद अयूब ( Dr Mohamed Ayub) ने एनडीए गठबंधन (NDA Alliance) में शामिल होने का संकेत दिया है. बस्ती (Basti) पहुंचे डॉक्टर अयूब ने मीडिया से बातचीत में मुसलमानों के हक की आवाज उठाई. उन्होंने शर्त रखी कि एनडीए को मुसलमानों के लिए भागीदारी देनी होगी. उन्होंने आरोप लगाया कि मुसलमानों की हिस्सेदारी किसी भी पार्टी ने नहीं दी.
पीस पार्टी को एनडीए से परहेज नहीं
डॉक्टर अयूब ने कहा कि मुसलमानों की भागीदारी के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन और बसपा का भी स्वागत है. बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए को हिंदूवादी के सवाल पर उन्होंने कहा कि कौन सी पार्टी हिंदूवादी नहीं है. सपा, बसपा सब राजनीतिक दल हिंदूवादी पार्टियां हैं. हिंदूवादी नहीं होते तो सत्ता और शासन में मुस्लिमों के साथ भेदभाव नहीं होता. आज मुसलमानों की हालत दलितों से खराब नहीं होती. कथित सेकुलर पार्टियों ने मुसलमानों को सिर्फ ठगने का काम किया है.
डॉक्टर अयूब ने क्यों कही ये बात?
मुस्लिम हित के मुद्दे पर पीस पार्टी एनडीए गठबंधन में शामिल होने से भी गुरेज नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि सत्तासीन पार्टियों को दुश्मन बना कर क्यों रखे. अगर एनडीए सबको सम्मान और अधिकार के साथ विकास का आश्वासन देती है तो उस में नुकसान क्या है. आज मुसलमान समझ गया है कि 75 साल से सेकुलर के नाम पर बीजेपी का डर दिखाकर मुसलमानों का वोट लुटता चला आ रहा है. उसके साथ अन्याय और शोषण किया गया है. मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक बनाकर रखा गया है. इस बात को आज मुस्लिम समाज समझ गया है और राजनीतिक रूप से जागरूक हो गया है.
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