Uttarakhand Tunnel Collapse: पिछले 12 दिनों से सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने की कवायद जारी है. आज गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुरंग के सामने अस्थाई रूप से बनाए गए बौख नाग देवता मंदिर के सामने पूजा अर्चना की. इससे पहले राहत बचाव कार्य के लिए ऑस्ट्रेलिया से बुलाए गए एक्सपर्ट डॉक्टर अर्नाल्ड ने भी बौख नाग देवता मंदिर के आगे मत्था टेक चुके हैं. सुरंग की खुदाई शुरू होने से पहले बौख नाग देवता का मंदिर हुआ करता था. स्थानीय लोगों के साथ अंग्रेज भी पूजा शीश नवाते थे लेकिन सुरंग बनाने वाली कंपनी ने मंदिर को हटा दिया था.

क्या बौख नाग देवता की नाराजगी से हुआ हादसा?

अब स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर को हटाने से सुरंग हादसे का शिकार हो रही है. उत्तरकाशी के सिलकियारा में 12 दिन पहले सुरंग हादसे में 41 मजदूर फंस गए. मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. एक दो दिन पहले बौख नाग देवता का अस्थाई छोटा सा मंदिर सुरंग के बाहर बनाया गया. मजदूरों की सही स्थिति का पता लगाने के लिए रेस्क्यू कर रही टीम को कुछ घंटों में अच्छी खबर मिली. एंडोस्कोपिक कैमरा के साथ 6 इंच का एक पाइप सुरंग में पहुंच गया.

सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की 12 दिनों से जारी जंग 

सुरंग में पाइप पहुंचने की घटना ऑस्ट्रेलिया के भू वैज्ञानिक डॉक्टर अर्नाल्ड को असामान्य लगी. डॉक्टर अर्नाल्ड खुद को बौख नाग देवता मंदिर के आगे शीश नवाने से नहीं रोक सके. सुरंग में फंसे 41 मजदूरों का इंतजार खत्म होनेवाला है. लोगों का कहना है कि बौख नाग देवता का मंदिर हटने के बाद सुरंग में कोई न को कोई अप्रिय घटना घट रही है. अब लोग बौख नाग देवता का स्थायी मंदिर बनाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि अस्थायी मंदिर स्थापित होने के बाद पहली बार अच्छी खबर सामने आई. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पूजा अर्चना से साफ हो गया कि अब बौख नाग देवता का मंदिर स्थायी बनेगा. 

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