Basti News: बस्ती जिले का पहला  मैटेरिय रिकबरी फैसेलिटी (एमआरएफ) सेंटर पर ग्रहण लग गया है, 38 लाख की लागत से बनाया जाना था. एमआरएफ सेंटर बनने से नगरपालिका को अच्छी कमाई भी होनी थी लेकिन 2020 से बन रहे एमआरएफ सेंटर का अभी तक उद्घाटन तक न हो सका. जिसके बाद जिम्मेदारों ने सरकार के पैसे को बर्बाद का करने का मंशा बना डाला है. एमआरएफ के निर्माण के बाद ठेकेदार ने यह कह कर हाथ खड़े किए थे कि सेंटर के आसपास इकट्ठा कूड़े से बदबू आती है और जब तक कूड़ा हटेगा नही काम की शुरुआत नही होगी. जिसके बाद ठेकेदार को एक नही 5 नोटिस थमा भी दी गई लेकिन फिर भी सेंटर जस का तस पड़ा हुआ है.


नगर थाना क्षेत्र में गोटवा के कोइलपुरा में जहां सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत 38 लाख रुपये की लागत से जिले के पहले एमआरएफ सेंटर का निर्माण शुरू किया गया था, यहां लगने वाली मशीन से मैटीरियल रिकवरी भी की जानी थी. नगर पालिका परिषद की ओर से बनवाए जा रहे इस सेंटर पर गीला व सूखा कचरा को मशीन के माध्यम से अलग किया जाना था. इन कूड़ा में मिलने वाले प्लास्टिक, लोहे के सामान,खाली बोतलों सहित अन्य वस्तुओं को अलग किया जाना था, इसके बाद इन वस्तुओं की नीलामी कराकर नगर पालिका को अच्छी आय होने की उम्मीद थी. शहर के कॉलोनियों व वार्डों से प्रतिदिन निकलने वाले कचरे को एमआरएफ सेंटर तक पहुंचाया जाना था.


घरों से निकलने वाले मलबे का होना था उपयोग
इसके अलावा घरों से निकला मलबा आदि 13 तरह का कचरा अलग-अलग किए जाने थे, जबकि,गीले कचरे से खाद बनाने का भी प्लान था, यहां एक दिन में दस से बारह मीट्रिक टन कचरा अलग करने का लक्ष्य रखा गया था, मकान से निकलने वाले मलबे को अलग करने के लिए मशीन लगाई जानी थी,जिसमें से रेत, पत्थर, ईंट, अलग किया जा सके,शहर से निकलने वाला मलबा इन सेंटरों में भेजा जाना था,इसके अलावा प्लास्टिक को अलग करने के लिए भी मशीनें लगनी थी.


इसके बाद प्लास्टिक को काटने के लिए प्लास्टिक शेडर मशीन भी लगनी थी, इसमें रिसाइकिल होने वाले प्लास्टिक को अलग करके रिसाइकिल के लिए भेजा जाना था, जबकि,नॉन रिसाइकिल वाले प्लास्टिक का प्रयोग सड़क निर्माण में लिए जाने के साथ,प्लास्टिक को कंप्रेश कर बंडल बनाए जाने का प्लान था,लेकिन सरकार की मंशा को जिम्मेदारों ने इस कदर तार तार किया की सेंटर के आसपास डेली कूड़े का ढेर बनता जा रहा है और सेंटर का उद्घाटन अभी तक न हो सका.


 



बदहाली के आंसू बहा रहा है बस्ती एमआरएफ सेंटर


अधिकारी बोलें- दर्ज कराई जाएगी FIR 
नगर पालिका परिषद का अतिरिक्त चार्ज संभाल रहे एसडीएम सत्येंद्र सिंह से ने कहा कि मैनुअल चल रहा है. जबकि यहां पहुंचने पर पाया गया कि गेट पर ताला लटक रहा है. जिस पर कर्मचारियों के नाम में संचालक का नाम अरून कुमार, कर्मचारियों के नाम में बब्लू, कृष्णा, सफाई सुपरवाईजर में मोहम्मद अहमद का नाम लिखा हुआ है. ठेकेदार को इसका निर्माण पूरा करने के लिए कई बार नोटिस दी गई है,यदि वे इसका निर्माण पूर्ण नहीं करते हैं उन पर एफआईआर कराई जाएगी.


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