Halal Certification Case: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हलाल होलोग्राम के इस्तेमाल को बैन कर दिया है. बैन के बावजूद काफी दुकानों पर हलाल सर्टिफिइड प्रोडक्ट्स की धड़ल्ले से बिक्री जारी है. बस्ती में हलाल सर्टिफिकेशन के जरिए उत्पादों को बेचे जाने की खबर पर जिलाधिकारी अंद्रा वामसी ने सख्ती बरती है. जिलाधिकारी के निर्देश पर फूड विभाग ने फौरन कार्रवाई की. फूड विभाग की टीम ने दुकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है. जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी धर्मराज मिश्रा ने बताया कि आज कई संदिग्ध दुकानों पर छापेमारी की गई. गांधी नगर बाजार में ड्राई फ्रूट्स की एक बड़ी दुकान पर बैन हो चुके हलाल हॉलमार्क सर्टिफिइड कई प्रोडक्ट्स को जब्त कर सैंपल इकट्ठा किए.


जिलाधिकारी के निर्देश पर एक्शन में फूड विभाग


सैंपल को अब लैब में जांच के लिए भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि फूड विभाग की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. फूड विभाग की टीम ने ड्राई फ्रूट्स की दुकान के अलावा गोदाम पर भी छापेमारी की. कई किराना स्टोर पर भी धावा बोला गया. ड्राई फ्रूट्स की दुकान पर हलाल हॉलमार्क के प्रोडक्ट्स मिलने से हड़कंप मचा हुआ है. आपको बताते हैं कि हलाल हॉलमार्क का प्रयोग क्यों और कौन लोग करते है. सर्टिफिकेट बांटने वाली कंपनी का नाम आखिर हलाल क्यों रखा गया है.


दुकान, गोदाम और किराना स्टोर पर टीम की रेड


हलाल सर्टिफिकेशन प्रोडक्ट्स की शुद्धता की गारंटी के लिए जारी किया जाता है. मुसलमान हलाल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं. सर्टिफाइड होने का मतलब है कि मुसलमान प्रोडक्ट्स को बिना किसी संकोच खा सकते हैं. भारत में पहली बार 1974 के दौरान हलाल सर्टिफिकेशन की शुरुआत हुई थी. 1974 के बाद से बड़े पैमाने पर हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स मार्केट में बेचे जाने लगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्ती बरतते हुए पूरे प्रदेश में हलाल हॉलमार्क के प्रोडक्ट्स को तत्काल प्रभाव से बैन कर दिया है. जिलाधिकारी भी मुख्यमंत्री योगी का निर्देश पाकर एक्शन लेना शुरू कर दिया है. 


Mathura News: काशी विश्वनाथ जैसा भव्य बनेगा बांके बिहारी कॉरिडोर, जुड़ेगा यमुना नदी से, जानें- प्रस्तावित प्लान