Basti News: उत्तर प्रदेश के बस्ती से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे. एक ऐसा शख्स जो बस्ती के गरीब के मरने का इंतजार करता है और मरते ही गरीब परिवार की जमीनों का फर्जी कागज तैयार कर उनकी जमीन हथिया लेता है.पुरानी बस्ती एरिया के दर्जनों गरीब परिवार दशरथ नाम के इस शख्स का अधिकार हो चुके है. आरोप है कि इसने किसी के पति के मरते ही घर पर लगा दिया ताला तो किसी के पिता के फर्जी वसीयत तैयार कर उसकी जमीन कब्जा कर लिया.
इंसान की शक्ल में शैतान को देखिए, नाम है दशरथ मगर काम है रावण वाला, इसकी मासूमियत पर मत जाइए. इसने न जाने कितने गरीब परिवारों की जमीनों को हड़पा है. इन सभी गरीब असहाय और बेबस लोगों का आरोप है कि दशरथ नाम के एक शख्स ने फर्जी कागजात तैयार कर उनकी जमीन को हड़प लिया है. आज वे सभी खुद की जमीन होते हुए भी वे अपनी जमीन पाने के लिए मुकदमा लड़ने को मजबूर है तो कोई अपना घर होते हुए भी दशरथ के ताले के आगे बेबस है.
पीड़ित परिवार केस लड़ने को मजबूरगांव के कई गरीब लोगों का दशरथ कन्नौजिया नाम के इस भू माफिया ने डाका डालकर अपने कब्जे में ले लिया. दशरथ से ये अभी गरीब परिवार काफी ज्यादा प्रताड़ित है. इन सभी का आरोप है कि उनके अपने जब मर गए तो दशरथ उनके पास आए और कहा उनका घर और जमीन अब उनका है. क्योंकि मरने से पहले उनके परिवार के मुखिया ने जमीन घर उनके नाम कर दिया है. कोई गरीब पीड़ित पिछले 20 साल से तो कोई 15 साल से अपनी ही जमीन को वापस पाने के लिए कोर्ट में केस लड़ने को मजबूर है.
दशरथ के खिलाफ कई मुकदमें दर्जशिवचरण का कहना है कि उनके बाबा दयाराम की मृत्यु वर्ष 1984 में हो गई. मगर दशरथ ने जालसाजी कर वर्ष 1998 में उनकी बेशकीमती जमीन अपने नाम लिखवा ली. जिसमें लिखने वाले से लेकर गवाह और तहसील के मृत हो चुके कर्मचारी के नामों का इस्तेमाल किया गया. इन सभी का आरोप है कि दशरथ ने उनकी जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर बेनामी संपत्ति खड़ी कर ली है, दशरथ के खिलाफ कई मुकदमे है और उसने अपनी पत्नी सहित खुद के नाम 20 जमीने लिखवाई है.
जांच के बाद होगी उचित कार्रवाईबहरहाल सरकार और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन का साफ तौर पर निर्देश है कि भू माफियाओं को चिन्हित कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई किया जाए. मगर शायद दशरथ के गिरेबान तक अभी साहब के हाथ नहीं पहुंचे है. दशरथ की प्रताड़ना से कई गरीब परिवार न्याय के लिए प्रशासनिक अफसरों की चौखट पर माथा पटकने को मजबूर है.जिला अधिकारी रवीश कुमार गुप्ता ने बताया कि जो भी शिकायत संज्ञान में आती है उसका एक नियत समय और तथ्यात्मक तरीके से निस्तारण कराया जाता है, कहा कि शिकायत के आधार पर जांच करवाकर उचित कार्रवाई की जा रही है.
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