उत्तर प्रदेश के बरेली में बीते शुक्रवार 26 सितम्बर को हुए दंगे के मामले में यूपी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 15 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है. इन सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है. पुलिस ने इनके कब्जे से हथियार, गोला-बारूद और उपद्रव में इस्तेमाल होने वाली सामग्री बरामद की है.

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शहर में इन्टरनेट सेवा बंद करने के साथ ही पुलिस और एजेंसियां शरारती तत्वों पर नजर रखे हुए हैं. पुलिस ने लगातार संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी है. फिलहाल स्थिति में नियंत्रण है.

जुमे की नमाज के बाद हुआ था उपद्रव

बरेली सिटी के एसपी मानुष पारीक ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कुछ लोगों ने उपद्रव मचाया था. इस मामले में अब तक कुल 10 एफआईआर दर्ज हुईं. शनिवार को 12 उपद्रवियों को जेल भेजा गया था, वहीं रविवार को थाना बरादरी और थाना कोतवाली से 15 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.

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गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से पुलिस ने भारी सामग्री बरामद की है. इसमें प्लास्टिक के कट्टे में रखे ईंट-पत्थर के टुकड़े, पांच जोड़ी पुरानी चप्पलें, एक 12 बोर का जिंदा कारतूस, एक 13 बोर के खोखे में जिंदा कारतूस और एक 315 बोर का तमंचा शामिल है.

एसपी ने साफ कहा कि ये सभी मामले शहरी इलाके से जुड़े हुए हैं. उन्होंने आगे बताया कि पूरे मामले की जांच और उचित कार्रवाई के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है.

संवेदनशील इलाकों में PAC तैनात

दूसरी ओर, डीआईजी अजय साहनी ने भी पुलिस बल के साथ शहर में फ्लैग मार्च किया. संवेदनशील इलाकों में पुलिस और पीएसी के जवानों की तैनाती की गई है, ताकि हालात नियंत्रण में रहें और कोई अप्रिय घटना न हो.

फ्लैग मार्च का उद्देश्य लोगों को सुरक्षा का भरोसा देना और यह दिखाना था कि प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ स्थिति पर नजर रखे हुए है. उन्होंने सभी नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील भी की है.