Bareilly News: बरेली में 10 साल पहले हुए तिहरे  हत्याकांड में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर ने 20 अप्रैल 2014 के डकैती और हत्याकांड मामले में 2 महिलाओ समेत 8 अपराधियो को फांसी की सजा सुनाई है. वही एक एक सर्राफा व्यापारी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. दोनो महिलाओं द्वारा घर की पहले रैकी की गई थी. दोनों महिलाओं ने भीख मांगने के दौरान रैकी की थी. वही पड़ोसियों द्वारा इन महिलाओं को पहचाना गया और उनकी गवाही भी पेश की गई थी. यह छैमार गैंग है जो कि तंबू बनाकर रहते है और एक जगह लूटपाट करके दूसरी जगह पहुँच जाते है.


ADGC दिगम्बर पटेल ने बताया कि वादी मुकदमा रविकान्त मिश्रा ने थाना बारादरी में तहरीर देकर बताया था कि वह सुरेश शर्मा नगर (25 ए पार्ट-3) के निवासी हैं. आयकर विभाग पीलीभीत में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं. 21 अप्रैल 2014 सुबह 9 बजे घर से पीलीभीत चले गये थे. 23 अप्रैल 2014 की सुबह सूचना मिली कि परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. वह अपने घर आये तो मेनगेट अंदर से बंद था. गैलरी में खिड़की खुली दिखायी दे रही थी और ग्रिल निकली हुई थी. छत का दरवाजा खुला था. जब उन्होंने पास के निर्माणाधीन मकान की छत से अंदर जाकर देखा तो मां पुष्पा की लाश सीढ़ियों के पास पड़ी थी. बेडरूम में भाई योगेश और उनकी पत्नी प्रिया की लाश पड़ी थी. घर का सारा सामान बिखरा हुआ था.


पुलिस ने 9 लोगों के खिलाफ कोर्ट में भेजी थी चार्जशीट
पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध डकैती कर हत्या करने, आपराधिक षडयंत्र की गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना की, जिसमें शेरगढ़ कुड़ला नगरिया निवासी वाजिद, बिथरी चैनपुर डेरा उमरिया निवासी हसीन, यासीन उर्फ जीशान, नाजिमा, हाशिमा, माल खरीदने वाला सर्राफ शाहजहांपुर कोतवाली मोहल्ला चैक, सदर कैंट निवासी राजू वर्मा, सम्भल निवासी समीर उर्फ साहिब उर्फ नफीस, बिथरी चैनपुर डेरा उमरिया निवासी जुल्फाम और फहीम समेत 9 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट भेजी थी.


पुलिस ने जांच में पाया था कि आरोपी पड़ोस के निर्माणाधीन मकान के जरिए रात के समय घर में प्रवेश कर खिड़की की ग्रिल निकालकर घर में दाखिल हुए थे और वादी की बुजुर्ग मां के उठने पर सिर पर ईंट मारकर हत्या कर दी. फिर भाई-भाभी को भी सब्बल और ईंट मारकर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था.


घटना के संबंध में बतया गया कि 2 मई 2014 को मुखबिर से सूचना पर बिथरी के उमरिया गांव में नदी के किनारे स्थित डेरों पर पुलिस ने दबिश दी थी. एक व्यक्ति और दो औरतें मिलीं. तलाशी में चार चांदी के सिक्के बरामद हुए. पेंट की जेब से एक पर्स मिला. जिसमें गुप्ता पौली क्लीनिक का पर्चा मिला. जिसमें पुष्पा देवी का नाम ऊपर लिखा था. दूसरे कागज पर आयकर विभाग योगेश मिश्रा लिखा हुआ था. 


सब्जी बेचने के बहाने करते थे रेकी 
बताया गया कि पकड़ी गयी महिलाओं ने अपना नाम नाजिमा उर्फ कल्लो पत्नी हसीन, दूसरी ने हाशिमा पत्नी यासीन बताया था. व्यक्ति ने अपना नाम वाजिद बताया था. पर्स को देखने पर विजय देव मिश्रा ने रोते हुए बताया कि साहब यह तो मेरे भाई योगेश का है. वाजिद से कड़ाई से पूछताछ में उसने जुर्म कबूल कर घटनाक्रम का खुलासा किया था. वाजिद ने बताया था कि सब्बल के सहारे से खिड़की की ग्रिल हटाकर घर में घुसे थे.


3 मई के समाचार पत्र में जब मुल्जिमों के फोटो छपी तो महिलाओं को पहचाना. हसीन, नाजिमा, हाशिमा, यासीन हत्या से पूर्व घर के आसपास सब्जी बेचने के बहाने घूमते फिरते थे और इन लोगों ने रेकी कर घटना को अंजाम दिया. महिलाओं की गवाही दोषसिद्ध करने का महत्वपूर्ण आधार बनीं. ADGC दिगंबर पटेल ने बताया कि घटना में शामिल 8 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है. जबकि ज्वेलरी खरीदने वाले सराफ को उम्र कैद हुई है.


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