UP News: बरेली में सरकारी योजनाओं की समीक्षा के दौरान भ्रष्टाचार का मुद्दा जोरशोर से उठा. जनप्रतिनिधियों के आरोप पर अधिकारी बगलें झांकने को मजबूर हो गए. अधिकारियों की तरफ से मोर्चा जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने संभाला. उन्होंने कहने के बजाए लिखित रूप में मांग लिया. बता दें कि शनिवार को जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक बुलाई गई थी. बैठक में विभिन्न सरकारी योजनाओं की ढाई घंटे तक समीक्षा चली. समीक्षा के दौरान जनप्रतिनिधियों ने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा दिया. आंवला सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने आरोप लगाया कि गांव से लेकर तहसील तक भ्रष्टाचार फैला है.


योजनाओं की समीक्षा बैठक में उठा भ्रष्टाचार का मुद्दा
लेखपालों ने निजी कर्मचारी रख लिए हैं. आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र की रिपोर्ट के नाम पर अवैध वसूली होती है. निजी कर्मचारी वसूली की रकम लेखपाल को पहुंचाते हैं. बरेली के सांसद संतोष गंगवार ने निजी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर नाराजगी जताई. डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने जवाब दिया कि सिर्फ कहने भर से व्यवस्था नहीं बदलेगी. उन्होंने बैठक में मौजूद जनप्रतिनिधियों से लिखित मांग लिया. कई ब्लॉक प्रमुखों ने भी ग्राम पंचायत अधिकारी और जेई पर गंभीर आरोप लगाए.


निजी कर्मचारियों की मदद से की जा रही अवैध वसूली
उन्होंने कहा कि निजी कर्मचारियों की मदद से जल जीवन मिशन में प्रशिक्षण देने के लिए एनजीओ वसूली कर रहा है. बिथरी चैनपुर के ब्लॉक प्रमुख की अवैध वसूली की शिकायत को जल निगम की अधिशासी अभियंता कुमकुम गंगवार ने स्वीकार किया. विधायकों और सांसदों ने सड़कों की बदहाली का मुद्दा भी उठाया. सांसद संतोष गंगवार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों की हालत बेहद खराब है. मामला उठाने के बावजूद आटामांडा से धौराटांडा मार्ग को अभी तक ठीक नहीं कराया गया. सांसद घर्मेंद्र कश्यप ने लाल फाटक से रामगंगा तक मार्ग के चौड़ीकरण का मुद्दा उठाया. 


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