Balrampur News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलरामपुर (Balrampur) जिले में लगातार हो रही बारिश और नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण बाढ़ की भीषण स्थिति उत्पन्न हो गई है. बलरामपुर जिले की तकरीबन 20 लाख की आबादी लगातार बाढ़ की विभीषिका झेल रही है. बलरामपुर जिले के पांच विकासखंड बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित नजर आ रहे हैं. गांवों को तबाही से बचाने की योजना पर भी अधिकारियों की उदासीनता ने पानी फेर दिया है.11 साल पहले बनाए गए बलरामपुर भड़रिया तटबंध के 10 गैपों को अब तक पूरा नहीं किया जा सका है. 


बांध का इतना हिस्सा कटान में समाहित
चंदापुर बांध का तकरीबन 1.20 किलोमीटर का हिस्सा राप्ती नदी के कटान में समाहित हो गया है. इसके कारण उतरौला और श्रीदत्तगंज ब्लॉक के 70 से 80 गांव बुरी तरह से बाढ़ की चपेट में है. बाढ़ के कारण स्थिति इतनी भीषण हो गई है कि लोग अपने घरों की छतों पर पनाह लिए हुए हैं और किसी तरह शासन प्रशासन से मदद का इंतजार कर रहे हैं. चंदापुर बांध पर खड़े कुछ ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार-रविवार की रात चंदापुर बांध का तकरीबन 1.20 किलोमीटर का हिस्सा कट गया. 70 किलोमीटर लंबे बांध के कटे हुए हिस्से में दोनों सिरों पर कटान जारी होने के कारण राप्ती के पानी का बहाव काफी तेज हो गया है, जिसके कारण से आसपास के 70-80 गांवों में बाढ़ की भीषण समस्या उत्पन्न हो गई है.


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डीएम ने राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया 
जिलाधिकारी डॉ महेंद्र कुमार खुद मौके पर पहुंचे और उन्होंने बाढ़ के राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया. उन्होंने अधिकारियों को दिशा निर्देशित करते हुए कहा कि जो इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं. उन्हें तेजी से राहत पहुंचाई जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चंदापुर और उसके आसपास के सभी गांव में राहत और बचाव कार्य में तेजी लाई जाए. लोगों को उचित स्थानों पर भेजा जाए, जिससे किसी तरह की जनहानि ना हो सके. किसानों का कहना है कि बाढ़ की भीषण समस्या के कारण उनकी फसलें पूरी तरह तबाह हो गई है. अब उनके पास खाने-पीने की सामग्री की भी किल्लत होने लगी है. किसानों ने कहा कि अभी तक शासन प्रशासन द्वारा उन्हें किसी तरह की कोई मदद उपलब्ध नहीं हो सकी है. 


चंदापुर और बाढ़ से घिरे उसके आसपास के गांवों में अभी तक नाव भी नहीं उपलब्ध हों सकी है. चंदापुर बांध के रिपेयरिंग में हर साल बाढ़ खंड और जिला प्रशासन द्वारा करोड़ों रुपए की धनराशि खर्च की जाती है. इसके बावजूद भी चंदापुर बांध को पिछले कई सालों में रिपेयर नहीं किया जा सका जिसके कारण से वह बांध कट गया और 70 से 80 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए. ग्रामीण आरोप लगाते हैं कि चंदापुर बांध पर हुए भ्रष्टाचार के कारण ही यह समस्या पैदा हुई है. 


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