UP News: यूपी के बलिया में चौंकानेवाला मामला सामने आया है. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में दुल्हनों की शादी बिना दूल्हे के करा दी गई. सोशल मीडिया पर फर्जीवाड़े का वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया. वायरल वीडियो में दुल्हनें अपने ही गले में वरमाला डालते दिखाई दे रही हैं. दूल्हों के चेहरे भी कपड़े से ढके नजर आ रहे हैं. सिंदूर दान के वक्त भी दुल्हनों का का घूंघट नहीं उठा. बताया जाता है कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ लेने के लिए वर वधु को 500-500 रुपए पर पंडाल में लाया गया था.  


सामूहिक विवाह योजना में धांधली


सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो 26 जनवरी का बताया जा रहा है. प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन मनियर इंटर कॉलेज में किया गया था. मामला संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी ने तत्काल जांच टीम गठित कर दी. जांच के बाद टीम ने रिपोर्ट डीएम रविन्द्र कुमार को सौंप दी. एडीओ समाज कल्याण के अलावा आठ फर्जी लाभार्थियों पर फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज कराया गया है. डीएम ने बताया कि अभी तक लाभार्थियों को धनराशि वितरित नहीं की गई थी.


ADO समाज कल्याण पर मुकदमा


जांच रिपोर्ट के आधार पर एडीओ समाज कल्याण सहित नौ लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. एडीओ समाज कल्याण को निलंबित और बर्खास्त करने की सिफारिश की गई है. समाज कल्याण विभाग की ओर सामूहिक विवाह में 568 जोड़ों की शादी कराई गई थी. अफसरों ने बिना दूल्हे की सैकड़ों दुल्हनों की शादी करा दी. दुल्हनों ने खुद से अपने गले में वरमाला डाला. बुर्के में आई दुल्हनों ने भी अपने हाथों से वरमाला डाला. शादी के मंडप में नाबालिग को भी दूल्हा बनाया गया था.


पकड़े जाने पर उसने शादी देखने के लिए मंडप में पहुंचने की बात कही. उसने आरोप लगाया कि लोगों ने जबरन पैसे का लालच देकर शादी करा दी. बीजेपी की महिला विधायक केतकी सिंह ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. दोषियों को बक्शा नही जाएगा. जिला प्रशासन ने बीस सदस्य जांच टीम गठित कर दी है. अब तक जांच में आठ लाभार्थियों की धांधली सामने आयी है. योजना के तहत मिलने वाली धनराशि पर रोक लगा दी गई है. अनुमान है कि जांच के क्रम में और भी फर्जीवाड़ा का मामला उजागर हो सकता है.


बीजेपी विधायक भी बनी थीं गवाह 


बीजेपी की महिला विधायक भी सरकारी शादी का गवाह बनने पहुंची थीं. केतकी सिंह को शादी में मांगलिक गीत गाते और जोड़ों पर फूल बरसाते हुए देखा जा सकता है. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ लेने के लिए गिरोह सक्रिय है. मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज ने बताया कि फर्जीवाडे़ की 20 सदस्यीय टीम जांच कर रही है. अभी तक 20 लाभार्थियों के आवेदनों की जांच हुई है. जांच में आठ फर्जी लाभार्थी पाए गए हैं. 


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