UP News: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बीरभूम (Birbhum) में पिछले दिनों आठ लोगों की हत्या कर उन्हें जिंदा जलाने का सच जानने के लिए बीजेपी (BJP) का प्रतिनिधिमंडल मौके पर जांच कर लौट आया है. प्रतिनिधिमंडल में बागपत (Baghpat) के सांसद व मुंबई (Mumbai) के पूर्व कमिश्नर डाक्टर सत्यपाल सिंह (Satya Pal Singh) भी शामिल रहे हैं. डाक्टर सत्यपाल की मानें तो वहां पर टीएमसी (TMC) के कार्यकर्ताओं ने उनकी गाड़ियों का रास्ता रोक दिया था. जिसके बाद उन्हें सड़क पर धरना देकर बैठने को मजबूर होना पड़ा.


क्या बोले सांसद
उन्होंने कहा कि वह हमले से बचकर किसी तरह थाने पहुंचे तो वहां टीएमसी के गुंडे पहुंच गए. जिसके कारण पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. उधर, उन्होंने पीड़ितों का हाल जाना और रिपोर्ट बीजेपी नेताओं को सौंप दी है. केंद्र सरकार से यह मांग की है कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. इसलिए केंद्र सरकार को अब संज्ञान लेना चाहिए. सत्यपाल सिंह आज बागपत के जौहड़ी गांव में एक निशानेबाजी प्रतियोगिता का शुभारंभ करने पहुंचे थे. सत्यपाल सिंह आज बागपत के जौहड़ी गांव में एक निशानेबाजी प्रतियोगिता का शुभारंभ करने पहुंचे थे.


रास्ता रोकने की कोशिश
बागपत सांसद डॉक्टर सत्यपाल सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल के अंदर बीरभूम नाम का एक जिला है. वहां पर एक कस्बे का नाम रामपुर हाट है. वहां बोगटूई गांव है. 21 मार्च को आठ निर्दोष लोगों को जिंदा जलाकर मार दिया गया था. टीएमसी एक पार्टी है. उस पार्टी का एक प्रधान वहां पर था उसकी किसी ने हत्या कर दी थी. वह क्षेत्र ऐसा है जहां कई साल पहले 12 लोगों को बम से उड़ा दिया था. हमारी पार्टी की ओर से एक टीम वहां पर भेजी गई थी. कलकत्ता से जब हम लोग सुबह चले लगभग पांच घंटे की यात्रा की. उस जगह से लगभग 30-35 किमी पहले मैंने जीवन में पहली बार ऐसा देखा कि हमें उस रोड के ऊपर 10 से 12 ट्रक खड़े कर दिए गए और उनके चालकों को भगा दिया गया. ताकि हमारी टीम आगे न जा सके. ऐसा टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने किया था.


किसने रोका रास्ता
सांसद ने कहा कि वहां की पुलिस ने ट्रकों को रोड से हटाने का कोई भी प्रयास नहीं किया. उसके बाद हमारी गाड़ियां वहीं रोक दी गई और हमें पैदल चलना पड़ा. जब हम पैदल चल रहे थे तो टीएमसी के लगभग 150 कार्यकर्ताओं ने हमारे और बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी की. वह टीएमटी जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. उसके बाद वह रोड पर खड़े हो गए. एक बार उन्हें लगा कि विरोध करेंगे तो टीएमसी के कार्यकर्ता हमारे ऊपर हमला कर देंगे. हमारी टीम भी रोड पर धरना देकर बैठ गई. उसके बाद जब वह रोड से नहीं हटे तो हमारी टीम रोड से साइड होते हुए थाने पहुंचे. लेकिन थाने पर भी टीएमसी के गुंडे पहुंच गए. उसके बाद रोड क्लियर हुआ. उसके बाद हम पीड़ित परिवारों से मिले. 


क्या बोले पीड़ित
पीड़ित लोगों ने बताया कि पहले उन्हें मारा काटा गया और फिर उन्हें जिंदा जला दिया गया. वहां पर जो अवैध कमाई हो रही है, वहां पर हरेक गाड़ी से गुंडा टैक्स वसूल किया जाता है. अवैध कमाई टीएमसी नेता या अन्य किसे जाएगी, इसी को लेकर वहां कई लोगों की जान गई. हमने वहां पर सीबीआई जांच की मांग की थी, लेकिन अच्छी बात यह है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक आदेश वहां की सरकार को दिया है. ये केस सीबीआई को ट्रांसफर किया जाए. हम केंद्र सरकार से कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. यदि वहां ऐसा ही होता रहा तो वहां के लोगों का जीवन असुरक्षित हो गया है. इसका संज्ञान केंद्र सरकार को लेना चाहिए.'


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