समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को मंगलवार (11 नवंबर) को बड़ी राहत मिली है. हेट स्पीच (भड़काऊ भाषण) मामले में MP-MLA कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाते हुए आजम खान को बरी कर दिया है.

Continues below advertisement

यह मामला वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव प्रचार से जुड़ा हुआ था. 23 अप्रैल 2019 को चुनावी सभा के दौरान आजम खान पर चुनाव आयोग पर टिप्पणी करने और मतदाताओं को उकसाने का आरोप लगा था. इसके बाद 24 अप्रैल 2019 को तत्कालीन एसडीएम ने सिविल लाइंस कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था.

कोर्ट ने सुनाया अपना फैसला

दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और आजम खान को आरोपों से मुक्त कर दिया. कोर्ट परिसर के बाहर समर्थकों में राहत और खुशी का माहौल देखा गया. भड़काऊ भाषण के मामले में उन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया है. पुलिस की तरफ से उनके खिलाफ साक्ष्य नहीं दिया जा सका.

Continues below advertisement

इसके साथ ही कोर्ट ने विवेचक के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है. सुनवाई के लिए सपा नेता आजम खान दोपहर में कोर्ट पहुंचे, जहां सुनवाई के बाद एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सपा नेता को बरी कर दिया. 

कोर्ट के फैसले पर क्या बोले आजम खान?

कोर्ट से बाहर आकर आजम खान अपने अंदाज में नजर आए. उन्होंने कहा कि बहुत कम ऐसा हुआ है कि बेगुनाह ही बेगुनाह साबित हुआ है. पुलिस ने जिस तरह से मुकदमा किया, उन्होंने सच को छुपाने के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी थी.

आजम खान ने कहा कि अगर हम इसमें बरी हुए हैं, तो इसका मतलब यह है कि हमने सभी हदें पार की और उस साजिश व मंसूबे बाजी के खिलाफ इंसाफ पाने में कामयाब हुए, जिसमें पूरे परिवार को मुजरिम बनाने की कोशिश की गई थी. तमाम सबूत-इलेक्ट्रॉनिक वीडियो और ऑडियो देने के बावजूद उन्हें नहीं माना गया.

क्या था पूरा मामला?

दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन एसडीएम सदर पीपी तिवारी की ओर से सपा नेता आजम खान के खिलाफ भड़काऊ भाषण का मामला दर्ज कराया गया था. यह मामला कोर्ट में विचाराधीन था. इस मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष की ओर से अंतिम बहस पूरी हो चुकी थी.

ज्ञात हो कि चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का यह मामला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव का है. आजम खान लोकसभा चुनाव लड़े थे और जीते भी थे. इस दौरान उनके खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मुकदमे दर्ज हुए थे. चुनाव के दौरान रामपुर के मिलक थाना क्षेत्र के खटानागरिया गांव में आजम खान ने एक चुनावी सभा को संबोधित किया था.

सभा में उन्होंने तत्कालीन रामपुर डीएम अन्जनेय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री योगी, प्रधानमंत्री मोदी और कांग्रेस उम्मीदवार संजय कपूर पर कथित रूप से टिप्पणियां की थी. अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि आजम ने चुनाव आयोग को ‘भ्रष्ट’ बताते हुए मतदाताओं को ध्रुवीकरण के लिए उकसाया.