दिल्ली धमाके और फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल का खुलासा होने के बाद अयोध्या में 25 नवंबर को राम मंदिर में होने वाले भव्य ध्वजारोहण समारोह को लेकर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं, इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ समेत दिग्गज हस्तियां शामिल होंगी. ऐसे में सुरक्षा को बेहद कड़ा किया गया.
राम मंदिर में ध्वजारोहण को देखते हुए राम मंदिर समेत अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. दिल्ली धमाके के बाद समारोह को लेकर राम मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. ध्वारोहण के दिन मंदिर परिसर में मोबाइल ले जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. वीवीआईपी से लेकर दूसरे मेहमान भी मंदिर में मोबाइल फोन नहीं ले जा सकेंगे.
इन श्रद्धालुओं का प्रवेश रहेगा वर्जित
राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से ध्वजारोहण समारोह के दिन में सभी भक्तों से नहीं आने का अनुरोध किया गया है. कार्यक्रम को देखते हुए जिन लोगों को आमंत्रित किया गया हैं उन्हें ही मंदिर परिसर में प्रवेश दिया जाएगा. आम श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहेगा ताकि समारोह में अनावश्यक भीड़भाड़ से बचा सके.
ध्वजारोहण समारोह से पहले 24 नवंबर को रात्रि 12 बजे से मंदिर में प्रवेश बंद कर दिया जाएगा. इस समारोह को लोग टीवी पर घर बैठकर देख सकेंगे. वहीं अयोध्या में सभी प्रमुख जगहों पर लाइव प्रसारण के लिए जगह-जगह बड़ी स्क्रीन लगाईं जाएंगी. जहां श्रद्धालु इस कार्यक्रम को देख सकेंगे.
समारोह की सुरक्षा को लेकर बड़े फैसले
सुरक्षा एजेंसियों, जिला प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट की समीक्षा बैठक में ये भी फैसला लिया गया कि समारोह के अगले दिन 26 नवंबर को राम मंदिर में वीआईपी दर्शन पूरी तरह बंद रहेंगे जबकि आम श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सकेंगे. मंदिर प्रशासन ने ध्वजारोहण समारोह के बाद सुरक्षा प्रोटोकॉल को सामान्य करे और व्यवस्था बनाए रखने के लिए ये फैसला लिया है.
बता दें कि 25 नवंबर को सुबह 11 बजे से दोपहर 1.30 बजे के बीच राम मंदिर में ध्वज फहराया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों ये प्रक्रिया संपन्न होगी. शुभ मुहूर्त में पूरे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मंदिर की पताका फहराई डाएगी. इस दौरान शंखनाद, ढोल-नगाड़ों और मंगल वाद्य की ध्वनि से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठेगा.