Uttar Pradesh News Today: मोदी सरकार ने बजट सत्र के दौरान आज गुरुवार (13 फरवरी) सदन में वक्फ संशोधित बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट पेश की गई. एक तरफ राज्यसभा में बीजेपी सांसद मेधा कुलकर्णी ने तो लोकसभा में जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल ने इस रिपोर्ट को सदन में पेश किया. जेपीसी रिपोर्ट पेश होते ही विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया.
इस बीच फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने जेपीसी रिपोर्ट को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि बिल के संबंध में जो हमारा सुझाव था वह पूरी तरह से अनदेखा किया गया है. उन्होंने सरकार पर मुद्दों से भटकाने के आरोप लगाए हैं.
'किसान बेरोजगारी बड़ी समस्या'सांसद अवधेश प्रसाद ने आगे कहा कि आज देश में किसानों और भारी रोजगार की समस्या है. उन्होंने कहा कि इन मुद्दों से हटाने के लिए इस तरह का बिल लाया गया है. अवेधश प्रसाद ने दावा किया कि इस बजट में हमारे किसानों के लिए कुछ भी नहीं है. बजट पर चर्चा ना हो इसलिए बिल लाया गया है. ऐसे में हम लोगों ने इस बिल का सिर्फ विरोध नहीं बल्कि बहिष्कार भी किया है.
समाजवादी पार्टा सांसद डिंपल यादव ने भी वक्फ संशोधन विधेयक साधा है. उन्होंने कहा, "जिस तरह विपक्षी सदस्यों की ओर से दिए गए असहमति नोट को वक्फ संशोधन विधेयक में शामिल नहीं किया गया. सरकार मनमाने तरीके से यह विधेयक ला रही है. वह ध्यान भटकाने के लिए सत्र के आखिरी दिन विधेयक लेकर आए हैं."
विपक्ष का बहिष्कारबदा दें इस से पहले मोदी सरकार ने गुरुवार (13 फरवरी) को संसद में वक्फ संशोधित बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट पेश की. राज्यसभा में बीजेपी सांसद मेधा कुलकर्णी और लोकसभा में जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल ने रिपोर्ट पेश की. विपक्ष ने इसका विरोध किया.
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि उनके सुझावों को अनदेखा किया गया और सरकार ध्यान भटकाने के लिए यह बिल लाई है. सपा सांसद डिंपल यादव ने भी विरोध जताते हुए कहा कि विपक्ष के असहमति नोट को शामिल नहीं किया गया. विपक्ष ने इस बिल का बहिष्कार किया.
मुस्लिम पर्सन लॉ बोर्ड भी नाराजऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट का विरोध किया है. बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि वे आखिरी तक इसके खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे और वक्फ कानून में संशोधन नहीं चाहते.
बोर्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि देश की संपत्तियों पर हिंदू, सिख और मुस्लिम सभी का समान अधिकार है. खालिद सैफुल्लाह ने सरकार के उस दावे को खारिज किया कि एक दिन पूरा देश वक्फ हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार झूठ फैला रही है और सभी धर्मों के अलग कानून होते हैं, ऐसे में समान कानून नहीं थोपा जा सकता. विपक्षी सांसदों की आपत्तियां रिपोर्ट में शामिल नहीं की गईं.
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