UP News: अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) के गर्भगृह (Sanctum Sanctorum) का काम शुरू हो गया है और यहां पत्थर लगाए जा रहे हैं. गर्भ गृह में बंसी पहाड़पुर (Bansi Paharpur) के पत्थर लगाए जा रहे हैं. इन पत्थरों की पकड़ को मजबूत रखने के लिए तांबे की पत्ती का प्रयोग किया जा रहा है. पूरे मंदिर में कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं किया जाएगा. मंदिर ट्रस्ट (Mandir Trust) का मानना है कि जनवरी 2024 के मकर संक्रांति पर भगवान रामलला (Ram Lala) अपने दिव्य भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. इसके लिए लगातार काम जारी है. उल्लेखनीय है कि एबीपी  गंगा ने राम मंदिर के गर्भगृह की पहली तस्वीर दिखाई थी. 

वैज्ञानिक पद्धति से हो रहा निर्माण

रामलला का मंदिर 20 मीटर लंबा और 20 मीटर चौड़ा होगा. विशालकाय भूखंड पर वैज्ञानिक पद्धति से मंदिर को बनाया जा रहा है. मंदिर की बुनियाद को सरयू की जलधारा से सुरक्षित रखने के लिए रिटेनिंग वॉल बनाई जा रही है. बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने 1 जून को गर्भगृह की आधारशिला रखी थी. तब से ही गर्भ गृह का कार्य तेजी से चल रहा है. मजदूर दिन-रात मंदिर के निर्माण के काम में लगे हुए हैं.

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रिटेनिंग वॉल के लिए बिछने लगा सरिया

मंदिर में बंसी पहाड़पुर के पत्थर लगाए जा रहे हैं जो कि कई वर्षों तक सुरक्षित रहते हैं. पत्थर राम जन्मभूमि की कार्यशाला में रखे गए थे. अब उन पत्थरों को कार्यशाला से लाया जाया जा रहा है. इन पत्थरों को नक्काशी करके रखा गया था. उत्तर और दक्षिण दिशा में मंदिर की बुनियाद से सरयू की जलधारा न टकरा पाए, इसके लिए लोहे की मोटी-मोटी सलाखें और जमीन के नीचे 12 मीटर गहरी खाई बनाई जा रही है. बारिश से पहले रिटेनिंग पूरा किया जाना है. रिटेनिंग वॉल का कुछ काम पूरा हो चुका है. इसके लिए मजबूत सरिया का सघन जाल बिछा दिया गया है.

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