अयोध्या: राम नगरी अयोध्या में सैकड़ों वर्षों से होने वाले सभी धार्मिक आयोजनों पर कोरोना का साया मडरा रहा है. पूर्व में जहां बीते वर्ष राम नगरी के सभी मेलों पर रोक लग गई थी वहीं इस वर्ष भी भगवान श्री राम के जन्मोत्सव रामनवमी मेले पर कोरोना का संकट देखने को मिल रहा है. पिछले वर्ष कोरोना महामारी की वजह से चैत्र रामनवमी के प्राचीन मेले को रोक लगाई गई थी और वर्ष भर ये रोक बरकरार रही.


लोग घर पर ही रहें
एक बार फिर राम की नगरी में प्राचीन रामनवमी मेले पर कोरोना का संकट मंडरा रहा है. रामलला के जन्मोत्सव के मौके पर दूरदराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या आते हैं. संतों ने मांग की है कि राम भक्त अपने घर पर रहे हैं और घरों में रहकर रामलला के जन्मोत्सव पर धार्मिक अनुष्ठान करें. हालांकि, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष लोग लापरवाह भी दिख रहे हैं. जबकि, कोरोना की ये लहर भयानक नजर आ रही है. डब्ल्यूएचओ ने कोरोना का पीक आवर 12 से 25 अप्रैल बताया है. कोरोना ने राम नगरी के सभी तीज त्योहारों पर बुरा असर डाला है.


लाखों में होती है भक्तों की संख्या
राम जन्मभूमि सहित पूरे अयोध्या में रामलला का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. संपूर्ण अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया जाता है. मंदिरों में एक हफ्ता पहले ही राम जन्मोत्सव की धूम दिखने लगती है. जन्मोत्सव के दिन रामनगरी में लाखों की संख्या में राम भक्त मौजूद रहते हैं और रामलला के जन्मोत्सव का आनंद लेते हैं.


मेले पर लग सकती है रोक
इस बार भी रामलला के जन्म उत्सव पर करोना का संकट देखने को मिल रहा है. जिस तरीके से प्रदेश में संक्रमण बढ़ रहा है उसको लेकर सरकार सजग है. किसी भी समय मेले पर रोक की खबर आ सकती है. अयोध्या के संत समाज का भी यही कहना है कि लोग अपने घरों में रहकर रामलला के जन्मोत्सव में धार्मिक आयोजन करें. इस बार कोरोना का संकट तेजी के साथ बढ़ रहा है. प्रशासन सजग है लेकिन हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि लोग सुरक्षित रहें.


सरकार कोरोना को लेकर जागरूक है
ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रतिदिन कोविड-19 के बढ़ते केस, सुरक्षा के उपाय पर लगातार समीक्षा कर रहे हैं. प्रदेश सरकार कोरोना को लेकर जागरूक है. ठीक समय में जनहित में निर्णय लिए जा रहे हैं. राम भक्तों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए. साथ ही पूज्य संतों का भी इसमें सहयोग मिलना चाहिए.



सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें
रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कहा कि रामलला के दर्शन को आने वाले दर्शनार्थी किसी भी सुरक्षा के उपाय का पालन नहीं कर रहे हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए आम जनमानस जिम्मेदार है. सबको चाहिए कि कोविड-19 के नियमों का पालन करें. रामलला के जन्मोत्सव में अपार भीड़ राम नगरी में होती है. कई लाख लोग रामलला का दर्शन करने के लिए आते हैं. वहीं, शंका जाहिर करते हुए सत्येंद्र दास ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग अगर अयोध्या आएंगे तो इसके परिणाम बेहद भयावह होंगे. राम भक्तों से आचार्य सत्येंद्र दास ने निवेदन किया है कि वो अयोध्या ना आएं अपने घरों पर ही रामलला के जन्मोत्सव का आनंद लें. हम सबका कर्तव्य है कि कोरोना के नियमों का पालन करें और सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें.


कोरोना समाप्त होने के बाद अयोध्या आएं भक्त
तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा कि राम जन्मोत्सव का मेला विश्व प्रसिद्ध है. कुंभ से ज्यादा भीड़ चैत्र रामनवमी पर होती है. कोविड-19 की चपेट में आने के बाद कई विकसित राष्ट्र तबाह हो गए. प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व के कारण भारत 95% सुरक्षित है. इस समय अचानक कोरोना का संक्रमण में फिर से फैलना शुरू हो चुका है. संत परमहंस दास ने राम भक्तों से अपील की है कि लोग अपने घरों पर रहकर ही रामनवमी मनाएं. कोरोना समाप्त होने के बाद अयोध्या आएं और अपने आराध्य के दर्शन करें. कोरोना की अंतिम जंग है और भारत जीत के पथ पर अग्रसर है. सब लोग सहयोग करें और इस बार भी उससे बचते हुए अपने-अपने घरों पर रामनवमी का उत्सव मनाएं.


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