माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद को प्रयागराज की नैनी जेल से झांसी जिला कारागार में शिफ्ट कर दिया गया है. बुधवार तड़के अली को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच झांसी लाया गया. इस दौरान अली अहमद ने पत्रकारों के सामने अपनी बात रखी और सीएम योगी से अपील की कि उसे अब और ना सताया जाए, जो हो गया सो हो गया.
अली अहमद बुधवार दोपहर ढाई बजे झांसी जेल पहुंचा. इस दौरान जेल के बाहर बड़ी संख्या में मीडिया कर्मी पहुंचे हुए थे. इस दौरान पत्रकारों ने उससे बात की तो अली ने उसे परेशान किए जाने का आरोप लगाया. उसने सीएम योगी से अपील करते हुए कहा कि "मुख्यमंत्री जी अब और न सताया जाये, जो हो गया वो हो गया. उसे अन्यथा सताया जा रहा है, उससे बचा लें."
अली अहमद ने सीएम योगी से लगाई गुहार
अली अहमद ने कहा कि वो दिल्ली में कानून की पढ़ाई कर रहा था लेकिन, उसे फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल में डाल दिया गया. जेल में रहते हुए उस पर आठ मुकदमे दर्ज कर लिए गए हैं. जब उससे पूछा गया कि क्या आपको कोई खतरा है तो उसने कहा कि ये तो अल्लाह ही जानता है कि मैं सुरक्षित रहूंगा या नहीं रहूंगा.
उसने कहा कि प्रयागराज जेल में भी उसे परेशान किया जाता था, वो किसी से बात नहीं कर सकता था, उसे बिल्कुल अकेला रखा गया था. अब उसे परेशान करने के लिए 400-500 किमी दूर झांसी लाया गया है. रास्ते में मुझे पानी तक नहीं पीने दिया गया.
अली अहमद से जब पत्रकारों ने उसकी बैरक में मिले पैसे और अधिवक्ताओं से मुलाक़ात करने पर सवाल किया तो उसने कहा कि वो जेल के नियम के मुताबिक था उससे जो लोग मिलने आते थे वो मैनुअल आधार पर ही मिलने आते थे.
तीन साल प्रयागराज जेल में रहा अली अहमद
बता दें कि अली अहमद ने 30 जुलाई 2022 को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. जिसके बाद से ही वो प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद था. अली पर आरोप है कि उसने प्रॉपर्टी डीलर जीशान उर्फ जानू से 5 करोड़ की रंगदारी मांगी थी. इसके अलावा उस पर उमेश पाल हत्याकांड की साज़िश रचने का भी आरोप है.
नैनी सेंट्रल जेल में जून 2025 में अली अहमद की बैरक से 1100 रुपये नगद मिले थे. ये मामला सामने आने के बाद एक डिप्टी जेलर और ओर हेड वार्डन को सस्पेंड भी कर दिया गया था और उसे हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट कर दिया गया था.
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