Controversy on Arvind Raj Tripathi in Kanpur: भारतीय जनता युवा मोर्चा में कानपुर के अरविंद राज त्रिपाठी को प्रदेश मंत्री बनाए जाने के बाद से बड़ा बवाल मचा हुआ है. काकादेव थाने से हिस्ट्रीशीटर अरविंद को एक मामले में निचली अदालत सजा भी सुना चुकी है. इसके बावजूद पार्टी ने चुनावी साल में अरविंद राज त्रिपाठी और छोटू त्रिपाठी को अहम पद दिया. तमाम पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने दबी जुबान में इसका विरोध भी किया है. 


थाने के रिकार्ड में हिस्ट्रीशीटर हैं अरविंद


भारतीय जनता युवा मोर्चा के 26 पदाधिकारियों की सूची सोमवार को जारी की गई. इसमें छोटू त्रिपाठी को प्रदेश मंत्री का पद दिया गया. काकादेव थाने के रिकॉर्ड के मुताबिक अरविंद हिस्ट्रीशीटर है और उस पर छात्र नेता सनी गिल समेत हत्या के 2 केस दर्ज हैं. हत्या के एक मामले में कोर्ट से सजा भी सुनाई जा चुकी है. उस पर हत्या के प्रयास के भी दो केस हैं. पहला केस 2002 में दर्ज हुआ था, 2009 में उस पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई. पुलिस चार बार अरविंद पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई कर चुकी है. इसके अलावा रंगदारी मारपीट के अलावा 2 केस 7 CLA के दर्ज हैं. इसके बाद भी अरविंद को अहम पद देने पर कई कार्यकर्ताओं ने संगठन के फैसले पर सवाल उठा दिए हैं. हालांकि अरविंद त्रिपाठी की अपनी सफाई है.
 


अरविंद त्रिपाठी की सफाई


अरविंद की माने तो जिन 16 मुकदमों की बात हो रही है. उनमें एक मुकदमा फीस वृद्धि के विरोध का बचा हुआ है. बाकी सब खत्म हो चुके हैं. अरविंद की माने तो सब छात्र राजनीति के मुकदमे हैं. एक भी रंजिशन मामला नहीं है. मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा अगर ऐसा कोई मामला होगा तो. पार्टी सभी चीजों पर फोकस करती है सब कुछ देखने के बाद ही बड़ा पद बीजेपी देती है. पार्टी कार्यकर्ता से बाकायदा पूरा फीडबैक लेती है और उसके बाद ही पद देती है. आप खुद पता कर लें कि, मेरा कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहा है. मैं डबल एमए B.Ed, एलएलबी हूं. लगातार शिक्षा प्राप्त करता रहा हूं. मुकदमे होना और राजनीति से प्रेरित होना मुकदमा अलग चीज है राजनीतिक विद्वेष के चलते मेरे ऊपर मुकदमे लगाए  गए थे. 


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