Amroha News: यूपी के अमरोहा में गजरौला ब्लॉक के गांव खेड़की खादर में पशुओं में फैल रही रहस्यमयी बीमारी से मौत होने से पशुपालकों में खलबली मची है. पिछले एक माह के भीतर गांव मे 5 लोगों की लगभग 15 पशुओं की मौत हो चुकी है और दर्जनों पशु बीमारी की चपेट हैं. किसान जब तक इलाज के लिए कुछ समझ पाते हैं उससे पहले ही पशु की मौत हो जाती है. बता दें कि बहुत से ऐसे पशुपालक हैं जो पशुपालन कर दूध का व्यवसाय भी करते हैं.


इलाज का भी मौका नहीं
सूचना पर पहुंचने वाली चिकित्सकों की टीम मरने वाले पशुओं में होने वाली बीमारी का सही पता नहीं लगा पा रही है. ग्रामीणों का कहना है कि पशु अचानक बीमारी की चपेट के आने पर खाना छोड़ देता हैं और कुछ देर में अचानक गिर जाते हैं. उसके मुंह से लार बहने लगती है. जब तक उपचार शुरू कराया जाता है, तब तक उसकी मौत हो जाती है. पशुओं की मौत से हमें लाखों रुपयों का नुकसान हुआ है. 


चिकित्सकों का क्या कहना है
जिलें के पशु चिकित्सक अधिकारी का कहना है कि पशुओं में आमतौर पर खुरपका-मुंहपका रोग, गलाघोंटू, लंगड़ी, चेचक, निमोनिया, बछड़ों में खांसी संबंधित रोग आदि होते हैं. इसके अलावा दुधारू पशु जैसे गाय, भैंस में थनैला रोग लगने की आशंका हो जाती है. जिसकी वजह से पशुओं में कमजोरी आ जाती है और वे असहाय हो जाते हैं. इसके साथ ही ठण्ड के मौसम में पशु घुड़का बीमारी से भी ग्रसित हो जाते हैं. 


ये सलाह दी
अधिकारी ने कहा इस बीमारी की वजह से पशुओं के गले में तकलीफ होने के साथ सांस लेने में भी दिक्कत होती है. इसका सही से इलाज ना होने पर पशुओं की मौत तक हो जाती है. ऐसे में हमे पशुओं को इन बीमारियों से बचाने के लिए उनका विशेष ध्यान देना चाहिए. ठण्ड के मौसम में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए बोरी या मोटे कपड़े ढक कर रखें, पशुओं को रात के समय खुले में कभी नहीं बांधे, धूप निकलने पर पशुओं को धूप में बांधें क्योंकि सूर्य की किरणें जीवाणु और विषाणु को नष्ट करने में सक्षम होती हैं. पशुओं को जिस स्थान पर बांधें ध्यान दें वो स्थान गीला नहीं होना चाहिए.


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