उत्तर प्रदेश में एसआईआर फॉर्म को लेकर बीएलओ पर दबाव के मामले सामने आ रहे हैं. इस बीच अमेठी की एक दिव्यांग बीएलओ ने तमाम बाधाओं को पार करते हुए कमाल कर दिया है. बीएलओ राजरानी ने समय से पहले सौ फीसदी 753 एसआईआर फॉर्म भरकर जमा कर दिए हैं. एसडीएम ने इसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया है. 

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अमेठी जिले की तहसील तिलोई क्षेत्र के संग्रामपुर गांव के बूथ संख्या 212 की बीएलओ राजरानी पैर से दिव्यांग हैं और बिना सहारे चल भी नहीं पातीं. उन्होंने असंभव को संभव बनाते हुए अपने बूथ के 753 मतदाताओं के एसआईआर फॉर्म समय से पहले 100 प्रतिशत भरवा दिए. यह उपलब्धि उन्हें अमेठी जिले की पहली ऐसी बीएलओ बनाती है, जिसने दिव्यंगता के बावजूद तय समय से पूर्व इस महत्वपूर्ण कार्य को पूरी तरह संपन्न किया है.

समय से पहले भरे सौ फीसद एसआईआर फॉर्म

पैर से दिव्यांग होने के कारण राजरानी का चलना-फिरना अत्यंत कठिन है. इसके साथ ही घर-परिवार की जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर है. बावजूद इसके उन्होंने एसआईआर को देशहित का कार्य मानकर इसे सर्वोपरि रखा. राजरानी ने अपनी बेटी को घर की जिम्मेदारी सौंपी और बेटे का सहारा लेकर घर-घर पहुंचीं. उन्होंने गाँव के हर मतदाता को समझाकर उनसे फॉर्म भरवाए और अंततः बूथ को 100 प्रतिशत पूर्ण कर दिया.

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राजरानी ने कहा कि "जिस दिन मुझे यह जिम्मेदारी मिली, मैंने इसे देशहित का काम समझकर पूरी लगन से पूरा करने का संकल्प लिया. कोई काम बड़ा या छोटा नहीं होता. मन लगाकर किया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है. उन्होंने अन्य बीएलओ को संदेश देते हुए कहा कि आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है. हमें हिम्मत से काम लेना चाहिए.  

एसडीएम करेंगे राजरानी को सम्मानित

राजरानी के इस सराहनीय कार्य से जिला प्रशासन भी प्रभावित है. तिलोई के उपजिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने उनके घर जाकर सम्मानित करेंगे. एसडीएम ने कहा कि वो उनके परिवार के साथ जाकर डिनर करेंगे. वो चाहें तो उनके सरकारी आवास में भी आ सकते हैं. 

दिव्यांगता के बावजूद राजरानी ने जो काम किया है, वह न केवल जिले बल्कि पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणादायक उदाहरण है. ऐसे कर्मवीरों को सम्मानित करना हमारा दायित्व है. एसडीएम ने बताया कि सोमवार की शाम तक तिलोई तहसील में कुल 18 बीएलओ के द्वारा 100% कार्य पूर्ण कर लिया गया है. जिसमें सबसे तेज कार्य रोशनी के द्वारा किया गया जिसको जिलाधिकारी महोदय ने सम्मानित किया है. जबकि दूसरे नंबर पर राजरानी हैं. 

लोकेश कुमार त्रिपाठी

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