Ration Shop Strike: अल्मोड़ा में सरकारी राशन दुकानदारों की हड़ताल का असर अब उपभोक्ताओं पर पड़ने लगा है. राशन दुकान बंद होने से जिले के 5 लाख से अधिक उपभोक्ता प्रभावित हो रहे हैं. राशन दुकानदार अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. जिससे जिले की 978 उचित मूल्य की दुकानों पर ताला लटका हुआ है.


खाली हाथ लौटने को मजबूर हितग्राही
अल्मोड़ा में सरकारी राशन की दुकानों में ताले लटकने से जिले के 5 लाख से अधिक उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है. राशन दुकानदार बिलों के भुगतान की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. हड़ताल की वजह से हितग्राहियों को सस्ता राशन नहीं मिल पा रहा है. राशन दुकान बंद होने से गोदाम में 25306 क्विंटल राशन डंप पड़ा है. और हितग्राहियों को खाली हाथ ही घरों में लौटना पड़ रहा है. 


जिले में संचालित हैं 978 दुकानें
अल्मोड़ा में 978 सस्ते गल्ले की दुकानें संचालित की जाती है इनमें अधिक उपभोक्ताओं को सरकारी राशन मिलता है. इसी बीच तीन दिन पूर्व लंबित बिलों का भुगतान न होने से नाराज सभी सस्ता गल्ला विक्रेता हड़ताल पर चले गए हैं. ऐसे में उन उपभोक्ताओं की परेशानियां बढ़ गई है जो इस राशन पर निर्भर रहते हैं महीना शुरू हो चुका है और घर में राशन नहीं पहुंच रहा है इससे उन लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ा है.


मांगे पूरी नहीं होने तक हड़ताल की चेतावनी
वही सस्ता गल्ला विक्रेताओं का कहना है कि, जब तक पुराने बिलों का भुगतान नहीं हो जाता है. तब तक यह हड़ताल खत्म नहीं होगी अल्मोड़ा पर्वतीय सरकारी संस्था गल्ला विक्रेता कल्याण समिति ने बृहस्पतिवार को नंदा देवी परिसर में बैठक कर अब राशन के गोदाम में धरना देने का निर्णय लिया है समिति के जिला अध्यक्ष संजय शाह ने कहा कि, जब तक सरकार विक्रेताओं के सभी लंबित ब्लॉक का भुगतान और महान देश स्वीकृत के लिए समिति का गठन नहीं करती है तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी मांग पूरी होने के बाद ही वह अपनी दुकानों के तले खोलेंगे नाराज विक्रेताओं ने 10 अक्टूबर को सभी राशन गोदाम में धरना देने का निर्णय लिया है.


ये भी पढ़ें: UP News: सड़क निर्माण में गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा बर्दाश्त, समीक्षा बैठक में मंत्री जितिन प्रसाद ने दिखाए तेवर