Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) नंद गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी (Nand Gopal Gupta Nandi) को अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों पर कथित हमले से जुड़े एक मामले में बड़ी राहत मिल गई है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने इस मामले में सुनाई गई सजा को सोमवार को निलंबित कर दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी निर्देश दिया कि इस मामले में नंदी को जमानत पर रिहा किया जाए.


इससे पहले, 25 जनवरी 2023 को प्रयागराज की विधायक-सांसद अदालत ने नंद गोपाल गुप्ता को इस मामले में एक साल के कारावास की सजा सुनाई थी और उनपर 10,000 रुपये जुर्माना लगाया था. हालांकि विधायक-सांसद अदालत ने अनुसूचित जाति समुदाय के सदस्यों पर कथित अत्याचार के आरोपों से नंदी को बरी कर दिया था.


कोर्ट ने निलंबित की नंदी की सजा


कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी ने इस मामले में अदालत में ये याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने कहा, “यह साक्ष्य है कि अपीलकर्ता को दी गई अधिकतम सजा एक साल है और उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह पहले से ही अंतरिम जमानत पर हैं. अपीलकर्ता ने जमानत के लिए अर्जी दी है और अपील के अंतिम निस्तारण में काफी लंबा समय लगेगा.”


जानें- क्या था मामला


दरअसल ये मामला साल 2014 के लोकसभा चुनाव का है, जब नंद गोपाल नंदी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार थे. इन चुनाव में प्रचार के दौरान सपा नेता वेंकट रमण शुक्ला नाम के एक व्यक्ति ने नंदी के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज कराया था. उन्होंने आरोप लगाया गया था कि नंदी के उकसाने पर उनके समर्थकों ने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमला किया और पार्टि के दलित कार्यकर्ताओं के खिलाफ जातिसूचक भाषा का प्रयोग किया. नंदी के खिलाफ यह आपराधिक मामला प्रयागराज के मुट्ठीगंज थाना में दर्ज किया गया था. इस मामले में नंदी की तरफ से भी सपा नेता रेवती रमण सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ क्रॉस एफआईआर दर्ज कराई गई थी. 


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