प्रयागराज. प्रदेश में कोरोना मरीजों के इलाज में सामने आ रही अनियमितताओँ को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त है. हाईकोर्ट ने क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाली और कोविड अस्पतालों में बेहतर इलाज की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान अदालत ने प्रदेश में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया है.


इसके अलावा जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की खंडपीठ ने हर जिले में एक अधिकारी की तैनाती का भी निर्देश दिया है. अदालत ने अधिकारियों से कहा है कि वे अपर मुख्य सचिव के 6 अगस्त को जारी हुए शासनादेश का अनुपालन कराएं. मामले की सुनवाई 17 अगस्त को फिर होगी.


सीएमओ प्रयागराज को लगाई लताड़
जिले में कोरोना मरीजों की जांच, जांच रिपोर्ट का समय न देने पर अदालत ने सीएमओ प्रयागराज को लताड़ लगाई. अदालत ने सीएमओ की तरफ से दाखिल हलफनामे को वापस कर दिया और फिर से नया हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया. अदालत ने सीएमओ कार्यालय के काम-काज पर तल्ख टिप्पणी करते हुए खहा कि सीएमओ कार्यालय में सही ढंग से काम नहीं हो रहा है. सीएमओ कार्यालय रिकॉर्ड मेंटेन नहीं कर पा रहा है. इस दौरान अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने अदालत को आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज को अस्पताल से बाहर आकर सड़क पर मरने नहीं दिया जायेगा.


"अतिक्रमण हटाना पुलिस की जिम्मेदारी"
वहीं, कोर्ट में तलब नगर आयुक्त रवि रंजन ने अतिक्रमण के बारे में जानकारी दी है. इस पर अदालत ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी पुलिस की है. अदालत ने कहा कि पुलिस को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी.


संगम नगरी में कोरोना का कहर जारी
वहीं, प्रयागराज में कोरोना का कहर जारी है. जिले में कोरोना के कारण तीन और लोगों की मौत हो गई है. अब तक प्रयागराज में कोरोना के कारण 69 मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं. इसके अलावा कोरोना के 226 नए मरीज भी मिले हैं. जिले में कोरोना मरीजों की संख्या 3625 पहुंच गई है. मौजूदा समय में कोरोना के 1655 केस एक्टिव हैं.


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