Prayagraj News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने वाराणसी (Varanasi) के लंका थाना में गैंगस्टर कानून (Gangster) के तहत एक आपराधिक मामले में नामजद बसपा सांसद अतुल राय (Atul Rai) की जमानत की अर्जी खारिज कर दी है. अतुल राय, घोसी लोकसभा सीट (Ghosi Lok Sabha Seat) से सांसद हैं. कोर्ट ने बीएसपी सांसद (BSP MP) की जमानत अर्जी को ये कहते हुए खारिज कर दिया है. उन्हें जब भी जमानत मिली है वो जेल से छूटने के बाद गंभीर अपराध करते हुए पाए गए हैं. इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है. 


अतुल राय की जमानत की अर्जी खारिज करते हुए न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने कहा, “मैं देखता हूं कि जब कभी आरोपी अतुल राय को जमानत पर रिहा किया गया है, हर बार उसने एक के बाद एक संगीन अपराध किया है.” अदालत ने कहा, ‘‘इसलिए, अतुल राय गैंगस्टर कानून की धारा 19(4) में निर्धारित शर्तों को पूरा नहीं करता, जिसमें व्यवस्था है कि जमानत देते समय अदालत के पास यह मानने के लिए उचित आधार हो कि आरोपी इस तरह के अपराध का दोषी नहीं है और जमानत पर रिहा होने पर वह कोई अपराध नहीं करेगा.” 


कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका


अदालत ने अतुल राय की जमानत की अर्जी खारिज करते हुए इस बात का उल्लेख किया कि आरोपी पर 24 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें अपहरण, हत्या, दुष्कर्म और अन्य गंभीर अपराध के मामले शामिल हैं. इससे पूर्व, सात जून, 2022 को इस अदालत ने एक अन्य अपराध के संबंध में आरोपी अतुल राय की जमानत याचिका खारिज की थी. इस मामले में दुष्कर्म पीड़िता और उसके मित्र ने 16 अगस्त, 2021 को उच्चतम न्यायालय के पास खुदकुशी कर ली थी. 


अदालत ने सात जून, 2022 के अपने आदेश में कहा था कि आरोपी एक बाहुबली है और अपराधी से राजनेता बना है. कोर्ट ने कहा राजनीति में आने वाले अपराधी लोकतंत्र के लिए खतरा हैं. 


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