Allahabad High Court: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान (Azam Khan) की जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में चल रही सुनवाई गुरुवार को पूरी नहीं हो सकी है. नगर पालिका द्वारा खरीदी गई सफाई मशीनों को जौहर यूनिवर्सिटी में लगवाने और मामले का खुलासा होने के बाद उसके टुकड़े कर कर मिट्टी में दबाने के मामले में आजम खान ने जमानत याचिका दाखिल की थी. इस मामले में अगली सुनवाई अब 22 मई को होगी. जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच मे मामले की सुनवाई चल रही है. 


पूर्व मंत्री आजम खान इस मामले में भी जेल में है. इस मामले में रामपुर के सामाजिक कार्यकर्ता वकार अली खान ने शहर कोतवाली में 19 सितंबर 2022 को एफआईआर दर्ज कराई थी. आईपीसी की धारा 409, 120 बी और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 2 और 3 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इस मामले में आजम खान के साथ ही उनके बेटे अब्दुल्ला आजम समेत सात लोगों को नामजद किया गया था. नामजद किए गए लोगों में नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अजहर खान का नाम भी शामिल था.  


आजम खान पर हैं ये आरोप
आरोप था कि आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला ने रामपुर में सफाई व्यवस्था के लिए सरकारी पैसे से नगर पालिका द्वारा खरीदी गई मशीनों को अपनी यूनिवर्सिटी में जबरन लगवा लिया था. नई सरकार में जब मशीनों की खोजबीन शुरू हुई तो इन्हें कटवा कर जौहर यूनिवर्सिटी में ही कहीं मिट्टी में दबा दिया गया. जिसे बाद में बुलडोजरों से खुदाई कराकर इन मशीनों को बरामद किया गया था. यह मामला सियासी गलियारों में भी खूब गूंजा था. गुरुवार को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता आजम खान की तरफ से दलीलें पेश की गई. आजम खान की तरफ से कहा गया कि यह मामला सियासी दुर्भावना से दर्ज किया गया था और इससे उनका कोई लेना देना नहीं है.


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