Krishna Janmabhoomi Case: उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित की श्री कृष्ण जन्म भूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई. मामले की अगली सुनवाई पर हिंदू पक्ष की आगे की बहस जारी रहेगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को करेगा. मंगलवार को हुई सुनवाई में हिंदू पक्ष की तरफ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बहस की.


हिंदू पक्ष की तरफ  से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने दलील दी है कि मंदिर,मस्जिद प्रशासन के बीच 1968 में हुआ समझौता श्रद्धालुओं पर लागू नहीं होता है और न ही यह समझौता वादी पर बाध्यकारी है. आगे उन्होंने कहा कि इसके साथ न ही इसमें प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट लागू होगा और न ही लिमिटेशन एक्ट लागू होगा.


मुस्लिम पक्ष ने की हिंदू पक्ष की अर्जियों को खारिज करने की मांग
इस मामले में मस्जिद पक्ष की बहस पहले ही पूरी हो चुकी है. जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई. हाईकोर्ट में अभी मुकदमों की पोषणीयता पर ही सुनवाई चल रही है. वहीं मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल अर्जियों को खारिज करने की मांग की है. मुस्लिम पक्ष ने अभी तक मुख्य रूप से 1991 के प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट, वक्फ एक्ट, स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट और लिमिटेशन एक्ट का हवाला देकर हिंदू पक्ष की याचिकाओं को खारिज किए जाने की दलील दी है.


मुस्लिम पक्ष की ओर से आर्डर 7 रूल्स 11 के तहत अर्जियों की पोषणीयता को चुनौती दी गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट 18 अर्जियों पर एक साथ सुनवाई कर रहा है. अयोध्या विवाद की तर्ज पर जिला अदालत के बजाय हाईकोर्ट में सीधे तौर पर सुनवाई हो रही है. ज्यादातर अर्जियों में शाही ईदगाह मस्जिद को हिन्दुओं का धार्मिक स्थल बताकर उसे हिन्दुओं को सौंपे जाने की मांग की गई है.


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