Prayagraj News: कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम (Congress Leader Acharya Pramod Krishnam) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से बड़ी राहत मिली है. मामला संभल जिले में निजी जमीन पर मंदिर बनाने का है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रस्तावित मंदिर के निर्माण पर डीएम की लगाई गई रोक को गलत माना है. आचार्य प्रमोद कृष्णम संभल में निजी जमीन पर कल्कि भगवान का मंदिर बनाना चाहते थे. हाईकोर्ट ने कहा कि निजी जमीन पर मंदिर निर्माण मूल अधिकार में शामिल है. दूसरे समुदाय की काल्पनिक आपत्ति पर निर्माण को रोका नहीं जा सकता. जस्टिस सलिल कुमार राय और जस्टिस सुरेंद्र सिंह की डिवीजन बेंच ने फैसला सुनाया. बता दें कि कल्कि मंदिर का 2016 में शिलान्यास भी किया गया था.


कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को बड़ी राहत


मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने मंदिर निर्माण पर आपत्ति जताई. कहा गया कि मंदिर के निर्माण स्थल से महज डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर मस्जिद है. दोनों समुदायों में आपसी विवाद और कानून-व्यवस्था के खतरे की भी आशंका जताई गई. मुस्लिम किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष की शिकायत पर डीएम ने मंदिर निर्माण पर रोक लगा दी थी. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने डीएम के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी. याचिका में डीएम के आदेश को महज कल्पनाओं पर आधारित बताया गया.


मंदिर निर्माण पर डीएम की रोक गलत- हाईकोर्ट


हाईकोर्ट ने डीएम को कांग्रेस नेता की अर्जी पर दोबारा विचार करने का आदेश दिया है. साथ में जिला पंचायत को मंदिर निर्माण के प्रस्ताव पर नियमानुसार कार्रवाई करने की हिदायत दी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का हवाला देते हुए फैसला सुनाया कि निजी संपत्ति पर मंदिर बनाने का अधिकार संरक्षित है. ऐसा निर्माण किसी अन्य समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाता है. याचिकाकर्ता की तरफ से सीनियर एडवोकेट शैलेंद्र ने सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में दलीलें पेश की.


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