Aligarh Muslim University: शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखने वाला अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने बहुत सी ऐसी नायाब वस्तुओं को सहेजकर कर रखा है. ये सभी चीजें मुगल शासनकाल की याद दिलाते है. ऐसी ही एक नायाब वस्तुओं में सबसे पहला नाम उस कुर्ते का आता है. जिस कुर्ते को मुगल शासक पहनकर जंग में हिस्सा लेते थे. कुर्ते की खासियत ये थी उस कुर्ते पर कुरान मजीद की आयतें लिखी हुई थी.



दरअसल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के आजाद लाइब्रेरी के संग्रहालय में 14 लाख से ज़्यादा किताबें व कई बेशकीमती वस्तुएं मौजूद है. फाउंडर सर सैयद अहमद खान के पोते सर रॉस मसूद को लॉर्ड लुथियन ने 1933 में लंदन में एक कुर्ता सौंपा था. कुर्ता सौंपते वक्त उसने कहा था कि 1857 के गदर यानी कि जो जंग हुई थी उस जंग में इसे हिंदुस्तान से लूट कर अंग्रेजो के द्वारा लंदन लाया गया था. यह कुर्ता हिंदुस्तान की अमानत है इसलिए अंग्रेजी अधिकारी के द्वारा इस कुर्ते को वापस किया जा रहा है. रॉस मसूद ने हिंदुस्तान वापस आकर कुर्ते को AMU की मौलाना आजाद लाइब्रेरी में जमा कर दिया था.

कहां रखा हुआ है 300 साल पुराना कुर्ता
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एशिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरियों में अपना अलग कद रखती है. मौलाना आज़ाद लाइब्रेरी में एक संग्रहालय है. जहां बेहद नायाब चीज़ें भी सहेजकर रखी गई हैं. भारत के मुगलकालीन इतिहास से जुड़ी कई नायाब वस्तुओं में से एक कुर्ता जो करीब 300 साल पुराना बताया जाता है. वैसे तो इस लाइब्रेरी में और भी कई चीज़ें अपना ऐतिहासिक महत्व रखती हैं, लेकिन इस कुर्ते का क़िस्सा बड़ा ही खास है. क्योंकि एक तो इस पर कुरान की आयतें लिखी हुई है और  इसके विदेश से भारत के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में वापस  मिलने की कहानी काफी दिलचस्प बनी हुई है.

क्या बोले AMU के जनसंपर्क अधिकारी
एएमयू के जनसंपर्क अधिकारी उमर पीरजादा ने बताया कि 1933 से लेकर आज तक यह कुर्ता इसी लाइब्रेरी में मौजूद है और यह कुर्ता लाइब्रेरी की शान बनी हुई है. कुर्ते को लेकर खास बात यह है कि यह कुर्ता आज भी पूरे तरीके से साफ और सुरक्षित है,लेकिन ये कुर्ता आम कुर्तों के मुकाबले काफी बड़ा और काफी लंबा चौड़ा नजर आता है.उस दौरान जंग में हिस्सा लेने वाले बादशाहों का मानना था कि इस कुत्ते को पहनकर जंग में हिस्सा लेने से जंग में कोई उनको शिकस्त नही दे सकता. यही कारण है कि ज्यादातर बादशाह जंग में उस तरह के कुर्ते को पहनकर दुश्मनों पर जीत हासिल किया करते थे.


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