UP News: अलीगढ़ के थाना सिविल लाइन क्षेत्र में स्थित अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में हिंदू छात्र को कैंपस के अंदर होली मिलन समारोह मनाने की अनुमति न मिलने पर अखिल भारतीय करणी सेना के पदाधिकारी भड़क उठे हैं. इस मामले को लेकर करणी सेना ने प्रशासन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और जिलाधिकारी कार्यालय पर ज्ञापन सौंपते हुए एएमयू परिसर में होली खेलने का ऐलान कर दिया है.
करणी सेना के पदाधिकारियों ने इस फैसले को अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा कि यह हिंदू संस्कृति और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है. उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्हें परिसर में होली खेलने से रोका गया, तो वे किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं.
करणी सेना ने किया बड़ा ऐलान
अखिल भारतीय करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेद्र सिंह चौहान ने इस मुद्दे को लेकर आक्रामक रुख अपनाते हुए स्पष्ट कर दिया कि वे किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने कहा, "हमें लॉ एंड ऑर्डर की चिंता नहीं है। अगर प्रशासन हमें अनुमति नहीं देगा, तो भी हम 10 मार्च को एएमयू कैंपस में होली खेलेंगे. अगर पुलिस हमें रोकने की कोशिश करेगी तो हम इसका करारा जवाब देंगे." इस बयान के बाद प्रशासनिक अधिकारियों में हलचल मच गई है. जिला प्रशासन और पुलिस महकमा स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रणनीति बनाने में जुट गया है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को टाला जा सके.
क्यों नहीं मिली होली मनाने की अनुमति?
एएमयू प्रशासन ने परिसर के अंदर होली खेलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. विश्वविद्यालय प्रशासन (प्रौक्टर वसीम अली) का कहना है कि एएमयू आयोजनों को लेकर सख्त नियम हैं. प्रशासन के अनुसार, किसी भी धार्मिक आयोजन की अनुमति देना परिसर के अनुशासन और परंपराओं के खिलाफ होगा. हालांकि बिना किसी परमिशन के पहले होली दीपावली, बकरा ईद, सहित ईदुल फितर का त्योहार यहां मनाया जाता है. वहीं हिंदू छात्रों और करणी सेना का तर्क है कि एएमयू में अन्य धार्मिक आयोजनों को अनुमति दी जाती है, फिर होली को अनुमति क्यों नहीं? उनका कहना है कि यह भेदभाव पूर्ण रवैया है और वे इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे.
करणी सेना का आक्रोश और प्रशासन की चुनौतियां
करणी सेना के इस ऐलान के बाद अलीगढ़ पुलिस और जिला प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. प्रशासन को डर है कि यदि करणी सेना ने जबरन एएमयू परिसर में घुसकर होली खेली तो स्थिति बेकाबू हो सकती है और कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है. इसको लेकर पुलिस और प्रशासन हाई अलर्ट पर है. जिला प्रशासन और पुलिस के उच्च अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक भी की है. सूत्रों के अनुसार प्रशासन ने यह तय किया है कि किसी भी हाल में कानून-व्यवस्था को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा और आवश्यक होने पर बल प्रयोग भी किया जा सकता है.
राजनीतिक गलियारों में भी गरमाया मुद्दा
करणी सेना के इस विरोध प्रदर्शन के बाद यह मामला राजनीतिक गलियारों में भी गरमा गया है. कई हिंदू संगठनों ने करणी सेना के इस कदम का समर्थन किया है और कहा है कि किसी भी विश्वविद्यालय को धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए. वहीं एएमयू प्रशासन का समर्थन करते हुए कुछ राजनेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को अपने नियमों के अनुसार निर्णय लेने का अधिकार है और बाहरी संगठन किसी भी संस्थान पर अपनी धार्मिक परंपराएं थोप नहीं सकते.
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