Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने अपने 59 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. पार्टी ने इस बार बाहर से आए नेताओं पर खास तौर पर भरोसा जताया है. सपा ने जिन 59 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है, उनमें 29 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है जो दूसरी पार्टी से सपा में आए हैं. इन 29 उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा 14 बीएसपी के हैं.


बीएसपी के जिन 14 नेताओं को इस बार सपा ने टिकट दिया है, उनमें ज्यादातर नेता मायावती के करीबी रहे हैं. कई नेता तो बीएसपी की सरकार में मंत्री भी रहे चुके हैं. हम आपको उन नेताओं की लिस्ट दिखा रहे हैं.


बाबू सिंह कुशवाहा- 2007 से 2012 के दौरान मायावती के नेतृत्व वाली सरकार में वह यूपी के स्वास्थ्य मंत्री रहे चुके हैं. बाबू सिंह कुशवाहा ओबीसी वर्ग से आते हैं और सपा ने इन्हें जौनपुर से अपना उम्मीदवार बनाया है. 


लालजी वर्मा- एक वक्त में इनकी गिनती बीएसपी के बड़े नेताओं में होती थी लेकिन 2021 में उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियां के कारण बाहर का रास्त दिखा गया था. इस बार सपा ने उन्हें अंबेडकर नगर से उम्मीदवार बनाया है.


नारायण दास अहिवार- इनकी गिनती कांशी राम के करीबी नेताओं में होती थी. नारायण दास बीएसपी के संस्थापक सदस्यों में रहे चुके हैं और वह मायावती की सरकार में मंत्री भी थे. अब सपा के टिकट पर जालौन से उम्मीदवार हैं.


आरके चौधरी- वह बीएसपी के संस्थापक सदस्य रहे हैं और कांशी राम के भरोसेमंद नेताओं में उनकी गिनती होती थी. वह चार बार विधायक भी रह चुके हैं और अब सपा के टिकट पर मोहन-लालगंज से चुनाव लड़ रहे हैं. 


राजा राम पाल- 2004 के लोकसभा चुनाव में वह बीएसपी के टिकट पर सांसद चुने गए थे लेकिन बाद में कांग्रेस में चले गए और फिर 2021 में सपा में शामिल हो गए. उन्हें अकबरपुर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. 


रमेश गौतम- पासी समाज से ताल्लुक रखने वाले रमेश गौतम 1989 में बीएसपी के साथ आए थे. लेकिन 2020 में वह सपा में शामिल हो गए और अब सपा ने उन्हें बहराइच से उम्मीदवार बनाया है. 


राम शिरोमणि वर्मा- वह कुर्मी समाज से ताल्लुक रखते हैं और 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बीएसपी गठबंधन से चुनाव लड़कर बीएसपी के सांसद बने थे. अब सपा के टिकट पर श्रावस्ती से चुनाव लड़ रहे हैं.


भीमा शंकर "कुशल"- उन्होंने 2008 उपचुनाव और 2009 के लोकसभा चुनाव में संत कबीर नगर से जीत दर्ज की थी. लेकिन 2014 और 2019 के चुनाव में हार गए और अब सपा के टिकट पर डुमरियागंज से उम्मीदवार हैं.


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राम प्रसाद चौधरी- कप्तानगंज विधानसभा से पांच बार विधायक रहे राम प्रसाद चौधरी मायावती की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. 2020 में वह सपा में शामिल हुए और अब बस्ती से उम्मीदवार हैं.


रामाशंकर राजभर- 2009 में बीएसपी के टिकट पर सलेमपुर से चुनाव जीतकर सांसद बने थे. वह 2017 में सपा में शामिल हुए थे और अब सलेमपुर से उन्हें उम्मीदवार बनाया गया है. 


अफजाल अंसारी- सपा के टिकट पर 2004 में गाजीपुर से सांसद बने थे लेकिन 2009 के चुनाव में वह बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे. बीते 2019 के चुनाव में बीएसपी से ही सांसद बने लेकिन अब सपा ने उन्हें टिकट दिया है. 


सुनीता वर्मा- 2017 में बीएसपी के टिकट पर मेरठ की मेयर बनी थीं. लेकिन 2019 में उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था. जनवरी 2021 में उन्होंने सपा ज्वाइन की और अब मेरठ सीट से उम्मीदवार हैं.


अमरनाथ मौर्या- 1990 से ही बीएसपी के एक्टिव नेता के तौर पर काम करते रहे हैं. वह 2016 में बीजेपी और फिर 2022 में सपा में शामिल हो गए थे. अब सपा ने उन्हें फूलपुर से उम्मीदवार बनाया है. 


नीरज मौर्या- जलालाबाद से बीएसपी के दो बार विधायक रहे चुके हैं. उन्होंने 2017 में बीएसपी छोड़ दी थी और बीजेपी में शामिल हुए थे. लेकिन 2022 में सपा में आ गए और अब आंवला सीट से उम्मीदवार हैं.