राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा रिटारयमेंट की उम्र संबंधी सवाल पर दिए गए जवाब पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है. सपा चीफ ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर बिना किसी का नाम लिखे प्रतिक्रिया दी.

उन्होंने लिखा कि न रिटायर होऊंगा, न होने दूँगा. जब अपनी बारी आई तो नियम बदल दिये… ये दोहरापन अच्छा नहीं.  अपनी बात से पलटनेवालों पर पराया तो क्या, कोई अपना भी विश्वास नहीं करता है. जो विश्वास खो देते हैं, वो राज खो देते हैं.

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संघ प्रमुख ने क्या कहा था?

बता दें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने गुरुवार को '100 वर्ष की संघ यात्रा: नए क्षितिज' के दौरान सेवानिवृत्ति के मानदंडों पर चल रहे विवादों पर बात की. भागवत ने दृढ़ता से कहा कि उन्होंने कभी भी किसी के, चाहे वह खुद हों या कोई राजनीतिक हस्ती, 75 साल की उम्र में रिटायर होने की वकालत नहीं की.उनका यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो अगले महीने 75 साल के हो रहे हैं, पर निशाना साधते हुए की गई पिछली टिप्पणियों को लेकर छिड़ी बहस के बीच आया है. उन्होंने अपनी बात को स्पष्ट करने के लिए पूर्व आरएसएस नेता मोरोपंत पिंगले के एक उदाहरण का हवाला दिया.

क्या 75 साल के बाद राजनीति से रिटायर हो जाना चाहिए? सवाल के जवाब में मोहन भागवत ने कहा कि मैंने ये बात मोरोपंत के बयान का हवाला देते हुए उनके विचार रखे थे. उन्होंने कहा कि मैंने यह कभी नहीं कहा कि 75 साल में रिटायर हो जाना चाहिए. 75 साल की उम्र में मैं रिटायर हो जाऊंगा या किसी और को रिटायर हो जाना चाहिए.उन्होंने कहा कि हम जिंदगी में किसी भी समय रिटायर होने के लिए तैयार हैं. अगर संघ हमसे जिस भी समय तक काम कराना चाहेगा तो हम उस समय तक संघ के लिए काम करने के लिए तैयार हैं. अगर 80 साल की उम्र में संघ कहेगा कि आओ शाखा चलाओ, तो मुझे करना ही होगा.