लोकसभा सत्र में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद अखिलेश यादव ने बड़ा मुद्दा उठाया. उत्तर प्रदेश में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया के बीच कई बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की मौत के मुद्दे को अखिलेश यादव ने सदन में उठाया और उन सभी लोगों के नाम गिना दिए, जिन्होंने एसआईआर ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाई- चाहे आत्महत्या से या फिर हार्ट अटैक और हादसे से. 

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अखिलेश यादव ने सदन में कहा, "यूपी में चल रही SIR प्रक्रिया के बीच 10 BLO की जान जा चुकी है. जो बीएलओ चुनाव आयोग का काम करने के लिए गांव-गांव और गली-गली जाते हैं, उनमें से लगभग 10 लोगों की जान चली गई है. इनमें से 9 लोगों के नाम की लिस्ट हमारे पास है."

BLO पर बेइंतेहा प्रेशर का आरोप

इन 9 में से कुछ के नाम गिनाते हुए अखिलेश यादव ने कहा, "मुरादाबाद में BLO सर्वेश सिंह ने फांसी लगा ली. उनपर काम का बोझ था. बिजनौर में BLP शोभा रानी को हार्ट अटैक आ गया था. देवरिया में BLO लेखपाल आशीष की ड्यूटी के दौरान तबीयत बिगड़ी. कुछ समय बाद उनकी मृत्यु हो गई. फतेहपुर में लेखपाल सुधीर कुमार ने शादी के एक दिन पहले फांसी लगा ली."

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सुधीर कुमार का जिक्र करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि वह तो मृतक लेखपाल के परिवार से खुद जाकर मिले थे. परिवार से बातचीत हुई तो उन्होंने यह बताया कि सुधीर के ऊपर काम का इतना बोझ था, अधिकारी इतना दबाव बना रहे थे कि वो और क्या करते?

अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर लगाया आरोप

इतना ही नहीं, चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि इलेक्शन कमीशन ने दावा किया था कि वो सभी बीएलओ को ट्रेनिंग देंगे. मैं ये दावा कर सकता हूं कि उत्तर प्रदेश के बहुत ही कम बीएलओ को ट्रेनिंग दी गई होगी. यह भी कह सकता हूं कि एक भी बीएलओ को जो ट्रेनिंग दी जानी चाहिए थी, वो नहीं दी गई है. 

BLO के परिवारों के सदस्य भी SIR में लगे- अखिलेश यादव

कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने कहा, "जो बीएलओ ड्यूटी पर लगाए गए हैं, उनका पूरा परिवार उनके पीछे-पीछे लगा है कि उनकी मदद कैसे कर दें. उन्हें परेशान नहीं देख पा रहे हैं. महिलाएं कई बार फॉर्म नहीं भर पाती हैं. उनके परिवार के सदस्य के लगे हुए हैं कि उनके फॉर्म कैसे भरवाएं."

मृतक BLO के परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग

बीएलओ की मौत मामले में परिवारों की मदद के लिए अखिलेश यादव ने कहा, "जिन 9 लोगों का नाम लिस्ट में है, उनके परिवार की समाजवादी पार्टी ने मदद की है. उन्हें 2-2 लाख रुपये सहायता राशि दी गई है. हमारी मांग है कि चुनाव आयोग और भारत के लोकतंत्र को मजबूत करने वाले बीएलओ के परिवारों की मदद की जानी चाहिए. मृतकों के परिवार को एक करोड़ रुपये और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए."