समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में सीएम महाकुंभ से जुड़ी तैयारियों की बात कर रहे हैं.
कन्नौज सांसद ने जो वीडियो शेयर किया है उसमें सीएम कहते दिख रहे हैं- हम लोग ये मान कर चल रहे हैं कि 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में इस आयोजन के 45 दिन में 40 करोड़ लोग आएंगे. तैयारी हमारी 100 करोड़ की है. हम लोग ये मान कर चलते हैं मौनी अमावस्या के दिन जो मुख्य मूहुर्त होगा उस दिन मेरा ये मानना है कि 6 करोड़ लोग आएंगे. तैयारी हमारी 10 करोड़ की है.
सीएम का यह वीडियो शेयर कर अखिलेश ने लिखा- 'दावे हैं दावों का क्या…' इससे पहले संसद में भी मंगलवार, 4 फरवरी को सपा चीफ ने कहा था महाकुंभ में हमारे अपने लोग मारे गए हैं जिसमें परिवार का हर रिश्ता दिवंगत हुआ है. सरकार ने तो कहा था कि हमने 100 करोड लोगों के आने का इंतजाम किया है.
'यह कहां की सनातन परम्परा है...'सांसद अखिलेश यादव ने कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ में मृतकों की संख्या को छिपाने का काम किया है. मृतकों के परिजन भटक रहे है. सरकार कोई जानकारी नहीं दे रही है. महाकुंभ में लोग पुण्य कमाने आये थे लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की लापरवाही के कारण अपनों के शव लेकर गये है. श्रद्धालुओं के शव मिल रहे थे. सरकार स्नान करने वालों और चश्मदीदों की बात स्वीकार नहीं कर रही थी. हद हो गयी, एक तरफ भगदड़ में जाने गयी थीं, लाशें मिल रही थीं, शवगृह में रखी गयी थीं, लोग अस्पतालों में कराह रहे थे, दूसरी तरफ सरकार सरकारी हेलीकाप्टर में फूल भरकर वर्षा करा रही थी.
अखिलेश ने कहा था कि यह कहां की सनातन परम्परा है, जहां लाशें पड़ी हो, वहां फूल गिराये गये. यह सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है. उत्तर प्रदेश सरकार पूरी घटना मृतकों की संख्या, घायलों की संख्या छिपाने में लगी रही. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री घटना को छिपाने और झूठ बोलने में लगे रहे हैं. उन्होंने शोक तक प्रकट नहीं किया. जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक प्रकट कर दिया तो घटना के 17 घंटे बाद मुख्यमंत्री ने भगदड़ को स्वीकार किया.
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