UP News: साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बयान पर नाराजगी जताई है. उन्होंने अखिलेश यादव से माफी की मांग की है. संतों ने कहा, "अगर अखिलेश यादव माफी नहीं मांगते है तो प्रयागराज (Prayagraj) के 2025 के कुंभ (Kumbh) में उन्हें न्योता नहीं दिया जाएगा."


क्या बोले महंता?
अखाड़ा परिषद के संतों ने कहा, "अगर इसके बाद भी अखिलेश कुंभ मेले में आएंगे तो उनका विरोध किया जाएगा. सार्वजनिक कार्यक्रमों में अखिलेश यादव का बहिष्कार किया जाएगा." इस मामले में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि ज्ञानवापी मामले में नेताओं की बयानबाजी पर नजर रखने के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा. 


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जल्द ही पांच सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी. इस कमेटी में उन महात्माओं को जगह दी जाएगी जो कानून की डिग्री लिए हुए हैं और उन्हें कानून की जानकारी है. महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि अखाड़ा परिषद जरूरत पड़ने पर सनातन धर्मियों को कानूनी मदद भी मुहैया कराएगी. नेता धार्मिक मुद्दों पर हमारा समर्थन ना करें तब भी कोई बात नहीं लेकिन विरोध कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 


क्या दिया था बयान?
अखिलेश यादव ने 4 दिन पहले बयान दिया था कि कहीं भी मूर्ति रख कर पूजा शुरु कर दी जाती है. अखिलेश यादव के इसी बयान पर अखाड़ा परिषद ने नाराजगी जताई है. अखाड़ा परिषद ही कुंभ मेलों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत प्रमुख हस्तियों को शामिल होने का औपचारिक आमंत्रण भेजती है. 2019 के प्रयागराज कुंभ मेले में तत्कालीन अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने खुद अखिलेश यादव को स्नान कराया था. 


अखिलेश यादव हरिद्वार कुंभ मेले में भी शामिल हुए थे. प्रयागराज में 2013 का कुंभ मेला उन्हीं की सरकार में आयोजित हुआ था. अखिलेश यादव के बयान पर साधु-संतों में लगातार नाराजगी बढ़ती जा रही है.


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