उत्तर प्रदेश के दिल्ली से सटे शहरों में लगातार हवा में प्रदूषण का स्तर बना हुआ हैं.  यहां के लोगों को प्रदूषित हवा से राहत नहीं मिल पा रही है. पिछले एक महीने से ही लगातार यहां के लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं. नोएडा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड़ और मेरठ जैसे जनपदों में लगातार एक्यूआई रेड जोन में बना हुआ हैं. 

Continues below advertisement

प्रदूषित हवा का असर अब यहां रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर भी देखने को मिल रहा है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक यहां लोगों को आंखों में जलन और खांसी जैसी समस्याएं देखने को मिल रही हैं. ये शहर अब गैस चैंबर की तरह लगने लगे हैं. आने वाले दिनों में यहां लोगों को प्रदूषण से राहत मिलती नहीं दिख रही है. 

लोनी रहा प्रदेश का सबसे प्रदूषित क्षेत्र

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक़ शुक्रवार 5 दिसंबर को भी गाजियाबाद का लोनी इलाका प्रदेश का सबसे प्रदूषित क्षेत्र रहा. यहां एक्यूआई 400 से नीचे तो आया है लेकिन हवा अब भी बेहद ख़राब है. लोनी में आज सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक 381 दर्ज किया गया वहीं वसुंधरा 303 और इंदिरापुरम में 290 एक्यूआई है.

Continues below advertisement

यूपी के इन शहरों में सबसे अधिक प्रदूषण

नोएडा में भी हवा में प्रदूषण के स्तर से राहत नहीं है. आज भी यहां का एक्यूआई 280 से 380 के बीच बना हुआ हैं. जो खराब से बेहद खराब श्रेणी की हवा मानी जाती है. नोएडा सेक्टर-125 में आज एक्यूआई 367 रिकॉर्ड किया गया जबकि सेक्टर-116 में एक्यूआई-346 और नोएडा सेक्टर-62 एक्यूआई 286 रहा है. ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 में 337 एक्यूआई रहा. 

यूपी के दूसरे शहरों की बात करें तो हापुड़ में आज सबसे प्रदूषित हवा रही. यहां का एक्यूआई 350 दर्ज किया गया, वहीं बागपत में 321, मेरठ के पल्लवपुरम में 287 और बुलंदशहर में 265 एक्यूआई दर्ज किया गया. राजधानी लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर में हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है. यहां पर वायु गुणवत्ता सूचकांक यलो जोन में बना हुआ है. 

'कोई जिहादी धमकी न दे, देश में कानून का राज', मौलाना मदनी के बयान पर बोले केशव प्रसाद मौर्य