Uttarakhand News: उत्तराखण्ड के चार प्रमुख नगरों पिथौरागढ़, सितारगंज, रुद्रपुर और काशीपुर के लिए पेयजल और स्वच्छता से संबंधित योजनाओं को लेकर राज्य सरकार को बड़ी सफलता मिली है. भारत सरकार, उत्तराखण्ड शासन और यूरोपियन निवेश बैंक (EIB) के बीच आज 8 मई को हुई वर्चुअल प्रोजेक्ट नेगोसिएशन बैठक में ईआईबी द्वारा लगभग 1910 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी गई है. यह बैठक उत्तराखण्ड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी (UUSDA) के अंतर्गत आयोजित की गई, जिसमें जून 2025 तक परियोजना दस्तावेजों पर हस्ताक्षर और निविदा प्रक्रिया शुरू करने की सहमति बनी.
ये अधिकारी रहे मौजूद
बैठक में भारत सरकार के आर्थिक कार्य विभाग से अपर्णा भाटिया, यूरोपियन निवेश बैंक से मैक्सीमीलियन, उत्तराखण्ड शासन से वरिष्ठ सचिव चन्द्रेश कुमार तथा यूयूएसडीए के अन्य वरिष्ठ अधिकारी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए. बैठक में अवगत कराया गया कि यूयूएसडीए द्वारा तैयार की गई सभी परियोजनाओं की डीपीआर का केंद्र सरकार द्वारा गहन परीक्षण और अनुश्रवण किया गया है. इसके उपरांत अनुमोदित परियोजनाएं ईआईबी को भेजी गईं, जिन पर अब ईआईबी की ओर से वित्तपोषण के लिए सहमति मिल चुकी है.
प्रमुख शहरों के लिए विशेष योजनाएं
योजना के अंतर्गत पिथौरागढ़ नगर में पेयजल और सीवरेज व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा, जबकि सितारगंज, रुद्रपुर और काशीपुर में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को आधुनिक और प्रभावी बनाया जाएगा. यह परियोजनाएं न केवल बुनियादी नागरिक आवश्यकताओं की पूर्ति करेंगी, बल्कि राज्य के स्टैण्डर्ड लीविंग इंडैक्स को भी बेहतर बनाएंगी.
जीवन स्तर सुधरेगा
यूयूएसडीए के कार्यक्रम निदेशक चन्द्रेश कुमार यादव ने जानकारी दी कि पिथौरागढ़ जैसे सीमांत और पहाड़ी क्षेत्र में पेयजल और स्वच्छता से जुड़ी समस्याएं लगातार बनी रहती हैं. ऐसे में यह परियोजना न केवल जीवन स्तर सुधारने में सहायक होगी, बल्कि राज्य की सामाजिक-आर्थिक प्रगति का भी मार्ग प्रशस्त करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि यूयूएसडीए इन परियोजनाओं को लक्षित समयसीमा के भीतर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे नागरिकों को समय पर पेयजल और स्वच्छता सेवाएं मिल सकें.
यूयूएसडीए की सराहना
इस वर्चुअल बैठक में आर्थिक कार्य विभाग और यूरोपियन निवेश बैंक दोनों ने परियोजना की तैयारियों के लिए यूयूएसडीए की सराहना की.उन्होंने डीपीआर की गुणवत्ता, समयबद्ध प्रस्तुति और तकनीकी विवरणों की सटीकता की विशेष रूप से प्रशंसा की. यह राज्य की प्रशासनिक क्षमता और योजनात्मक दृष्टिकोण की भी पुष्टि करता है.
नागरिकों को सीधा लाभ
परियोजनाओं के क्रियान्वयन से इन चारों नगरों के लाखों नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा. पेयजल की नियमित आपूर्ति, सीवरेज की बेहतर व्यवस्था और समुचित स्वच्छता सेवाओं से ना केवल स्वास्थ्य स्तर में सुधार होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा. यह परियोजना राज्य की 'हर घर जल' और 'स्वच्छ भारत मिशन' जैसे कार्यक्रमों को भी गति देगी.