Greater Agra News: ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) की तर्ज पर बस रहा ग्रेटर आगरा (Greater Agra) भी जल्द ही धरातल पर नजर आने लगेगा. इसके ले आउट प्लान के लिए काम कर रही संस्था स्कूल ऑफ आर्किटेक्ट एंड प्लानिंग की टीम सोमवार और मंगलवार को आगरा में रहेगी. टीम जहां ग्रेटर आगरा बसाया जाना है उसका स्थलीय निरीक्षण करेगी और अधिकारियों के साथ मीटिंग कर फाइनल खाका खींचेगी.
800 हेक्टेयर में बस रहा है ग्रेटर आगरा आगरा इनर रिंग रोड के किनारे करीब 800 हेक्टेयर में ग्रेटर आगरा बस रहा है, जिसको तीन हिस्सों में मिलाकर बसाया जा रहा है. इनर रिंग रोड के किनारे रहनपुर-रायपुर कलां गांव में अधिग्रहीत की गई 400 हेक्टेयर जमीन में ग्रेटर आगरा का सबसे बड़ा हिस्सा विकसित किया जाएगा और इसके साथ ही अन्य दो जगहों पर ग्रेटर आगरा का बाकी हिस्सा विकसित किए जाने की योजना है.
2 बैंकों से हुई है बात आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजेंद्र पेंसिया के मुताबिक, स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग को ले आउट फाइनल करने में करीब 4 महीने लगेंगे. इसके साथ ही 3D डायग्राम और अन्य प्रक्रियाओं में भी समय लगेगा. वहीं, दूसरी तरफ साढ़े 6 फीसदी की ब्याज दर पर लोन देने के लिए 2 बैंकों से आगरा विकास प्राधिकरण की बात हो गई है. जल्द ही लोन से जुड़ी तमाम प्रक्रियागत समस्याओं का भी निदान हो जाएगा. इसके साथ e auction सॉफ्टवेयर पर टेस्टिंग लगातार चल रही है.
औधोगिक इकाइयों को दी जाएगी जगहआगरा में ताजमहल होने की वजह से औद्योगिक इकाइयां लगाने को लेकर काफी तरह की बंदिशें हैं. क्योंकि, यहां प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग धंधे सुप्रीम कोर्ट और NGT के निर्देशों के अनुक्रम में नहीं लगाए जा सकते. केवल व्हाइट केटेगरी की ही इंडस्ट्री लगाई जा सकती हैं. ऐसे में ग्रेटर आगरा में मेडिसिटी से लेकर कम प्रदूषण फैलाने वाली तमाम औधोगिक इकाइयों को भी जगह दी जाएगी.
लगातार हो रहा है शहर का विस्तार कुल मिलाकर लगातार आगरा शहर का विस्तार हो रहा है और बुनियादी सुविधाएं शहर में सीमित हैं. ऐसे में आगरा और अन्य जगहों के लोगों के लिए एक्सप्रेस वे के किनारे बसने जा रहा ग्रेटर आगरा रिहायशी और कारोबार के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण पता होने जा रहा है.
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