Yati Narasimhanand On Dharna: धर्म संसद में भड़काऊ भाषण और संप्रदाय विशेष की युवतियों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के केस में जेल में गए गाजियाबाद डासना स्थित देवी मंदिर के महंत एवं जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गुरुवार को जेल से रिहा हो गए. जेल से रिहा होने के बाद यति नरसिंहानंद फिर से धरने पर बैठ गए हैं. दरअसल वह वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की रिहाई की मांग को लेकर सर्वानंद घाट पर फिर से धरने पर बैठ गए हैं.


16 जनवरी को नरसिंहानंद को किया गया था गिरफ्तार
पिछले साल उत्तरी हरिद्वार के खड़खड़ी में 17 से 19 दिसंबर तक वेद निकेतन में आयोजित धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने और समुदाय विशेष की महिलाओं पर आपत्तिजनक बयान करने पर यिति नरसिंहानंद गिरी के खिलाफ अलग-अलग दो मुकदमे दर्ज किए गए थे. इस मामले में वसीम रिजवी पर भी मुकदमादर्ज हुआ था.  पुलिस ने 13 जनवरी को वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. वसीम रिजवी की रिहाई की मांग को लेकर यति नरसिंहानंद ने सर्वानंद घाट पर धरना शुरू कर दिया था. जिसके बाद 165 जनवरी को पुलिस ने यति नरसिंहानंद को भी गिरफ्तार कर लिया था.


वसीम रिजवी की रिहाई तक करेंगे प्रतीक्षा
जेल से रिहा होकर फिर से वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के रिहाई के मांग के लिए धरने पर बैठे यति नरसिंहनंद ने कहा कि वह वसीम रिजवी की रिहई तक सर्वानंद घाट पर धरना करते हुए उनकी प्रतीक्षा करेंगे. उन्होंने कहा कि वह सनातन धर्म की रक्षा करने का दंड भुगत रहे हैं. इससे उनके मार्ग में कोई बाधा नहीं आएगी. धर्म संसस किसी एक व्यक्ति का प्रयास नहीं था. यह बहुत बड़ा आयोजन था जिसमें बड़ी संख्या में महात्माओं ने आकर अपने विचार रखे. यदि कोई भी सोचता है कि केस दर्ज करवाकर हमे जेल भेजकर हमारी जुबान को बंद करवा देगा तो यह उनकी गलतफहमी है. 


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