Mukhtar Ansari के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को भारी सुरक्षा के बीच गाजीपुर जेल लाया गया. सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को उनके पिता मुख्तार अंसारी की याद में 10 अप्रैल को होने वाले 'फातिहा' समारोह में भाग लेने की अनुमति दी. जिनकी हाल ही में बांदा मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी.


बता दें सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जेल में बंद उत्तर प्रदेश के विधायक अब्बास अंसारी को अपने पिता मुख्तार अंसारी की 10 अप्रैल को ‘फातिहा’ रस्म में शरीक होने की अनुमति दे दी थी. न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद, 28 मार्च को उत्तर प्रदेश में बांदा के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मुख्तार अंसारी की मौत हो गई थी.



कासगंज जेल में बंद हैं अब्बास
गैंगस्टर से राजनीतिक नेता बने अंसारी खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज थे जिनमें से कुछ में उसे अदालत ने दोषी करार दिया था. अब्बास, कुछ आपराधिक मामलों के सिलसिले में न्यायिक हिरासत के तहत अभी उत्तर प्रदेश की कासगंज जेल में बंद थे.


पीठ ने कहा था कि गाजीपुर जिला प्रशासन सत्यापित करेगा कि क्या 11 अप्रैल को अन्य रस्म होनी है और यदि हां, तो अब्बास को पुलिस हिरासत में उसमें शामिल होने की अनुमति दी जाएगी.


न्यायालय ने कहा था कि अब्बास को 11 और 12 अप्रैल को अपने परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति दी जाए. न्यायालय ने कहा कि उसे 13 अप्रैल को वापस कासगंज जेल लाया जाए.


अदालत ने कहा था कि पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए आगंतुकों की तलाशी लेगी कि 'फातिहा' रस्म के आयोजन स्थल या अब्बास अंसारी के पैतृक घर में कोई भी व्यक्ति हथियार नहीं ले जा सके.


अंत्येष्टि कड़ी सुरक्षा के बीच 30 मार्च को हुई
अब्बास ने पूर्व में, शीर्ष अदालत का रुख कर अपने पिता की अंत्येष्टि में शामिल होने की अनुमति मांगी थी लेकिन उसकी याचिका समय रहते सूचीबद्ध नहीं हो सकी और अंत्येष्टि संपन्न हो गई.


मऊ से पांच बार के विधायक मुख्तार अंसारी की अंत्येष्टि कड़ी सुरक्षा के बीच 30 मार्च को गाजीपुर में हुई थी.


मुख्तार अंसारी को हालत बिगड़ने पर बांदा जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था जहां 28 मार्च की रात उसकी मौत हो गई थी.