Flood in Gorakhpur: गोरखपुर में राप्‍ती, रोहिन और घाघरा ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. तीनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. 24 घंटे के अंदर ही बाढ़ से प्रभावित गांवों की संख्‍या भी दोगुनी हो गई हैं. जिले के 21 गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं. हालांकि इन गांवों के अंदर अभी पानी नहीं गया है. रास्ते पानी में डूब गए हैं जिस वजह से नाव का सहारा लिया जा रहा है. निचले इलाकों में जरूर राप्ती ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. लोगों के घर बाढ़ के पानी की चपेट में आ गए हैं.


21 गांवों का संपर्क मार्ग और ग्रामीणों के खेत भी पानी में डूब गए हैं. एहतियात और आवागमन को बनाए रखने के लिए 16 छोटी-बड़ी नाव को लगाया गया है. गांव के साथ शहर के निचले मोहल्‍लों में भी बाढ़ का पानी भर जाने की वजह से लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. 


ये गांव बाढ़ से प्रभावित
गोरखपुर में बाढ़ से जो 21 गांव प्रभावित हैं उनमें कैम्पियरगंज के छह गांव बरगदही, मछलीगांव, भौराबारी, चंदीपुर, बुढ़ेली, अलगटपुर रोहिन. सहजनवां तहसील के छह गांव चकचोहरा, विडार, बनौड़ा, भुवाशहीद, गहीरा, सुथनी आमी और राप्‍ती नदी से प्रभावित हैं. सदर का एक गांव शिवरिया रोहिन नदी और झरवा, भौवापार, नाहरपुर अतरौलिया, भौरामल राप्‍ती नदी से प्रभावित हैं. गोला के बिहुआ, बल्‍थर और बांसगांव के कतरारी, करनजही राप्‍ती और घाघरा से प्रभावित हैं.


बाढ़ के कारण नदियों के किनारे रहने वाले लोग दहशत के साए में जीवन-यापन करने को मजबूर हैं. कोलिया, मंझरिया, डोमिनगढ़ के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने गोरखपुर जिले के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि नदियों के जल स्तर बढ़ने से  पहले होने वाली समस्याओं को दूर किया जाए, लेकिन लोग परेशान और बेहाल हैं.


ये भी पढ़ें:


Uttarakhand Elections: कोठियाल को चेहरा बनाकर मनोवैज्ञानिक बढ़त लेने की कोशिश में AAP, ब्राह्मण वोटों पर नजर


महामंडलेश्वर सत्यानंद गिरी का हमला, कहा- बीजेपी ने संतों से किए झूठे वादे, चरम पर महंगाई और भ्रष्टाचार