Uttarakhand News: उत्तराखंड के हजारों शिक्षकों ने आज (बुधवार) को हाथों में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय नेतृत्व की तरफ से आंदोलन का आह्वान किया गया. आह्वान पर पूरे प्रदेश के 17 हजार से अधिक शिक्षक काली पट्टी बांधकर बच्चों को स्कूलों में पढ़ाने पहुंच गए. शिक्षकों का कहना है 27 सितंबर से चरणबद्ध आंदोलन प्रस्तावित है. उन्होंने बताया कि राजकीय शिक्षक संघ के साथ शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत की दो माह पूर्व हुई बैठक में विभिन्न मांगों पर सहमति बन गई थी.


हाथों में काली पट्टी बांधकर पढ़ाने पहुंचे शिक्षक


सहमति बनने के बावजूद विभागीय अधिकारियों और शासन का रवैया उदासीन रहा. इसलिए विरोध में पहले दिन काली पट्टी बांधकर स्कूल आए हैं. उन्होंने कहा कि राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड की प्रांतीय कार्यकारिणी के आह्वान पर आज से शिक्षक आंदोलन शुरू कर रहे हैं. पहले दिन हाथों में काली पट्टी बांध कर बच्चों को पढ़ाएंगे ताकि शासन और प्रशासन की आंखें खुल सके. उन्होंने चेतावनी दी कि काली पट्टी बांधकर विरोध का संज्ञान नहीं लेने पर सरकार के खिलाफ शिक्षक आंदोलन को करने के लिए मजबूर होंगे.


सरकार के खिलाफ नाराजगी की क्या है वजह?


शिक्षकों की मांगों में पुरानी पेंशन बहाली, सभी स्तरों की पदोन्नति सूची तत्काल जारी किए जाने, 5400 ग्रेट पे को राजपत्रित घोषित करने, ट्रांसफर नीतियों की विसंगतियों को दुरुस्त कर म्यूचल ट्रांसफर की सूची जारी करने का मुद्दा शामिल है. सरकार शिक्षकों की मांगों पर अभी तक विचार नहीं कर पाई है. शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत की 2 महीने पहले बैठक राजकीय शिक्षक संघ के साथ हुई थी. बैठक में कई मांगों पर सहमति बनने के बावजूद कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई है. सरकारी उदासीनता से उत्तराखंड के 17 हजार शिक्षक अब नाराज हैं. उनका कहना है कि हमें सिर्फ झूठे वादे दिए गए ना कि हमारी मांगों पर कार्रवाई सुनिश्चित की गई. शिक्षकों ने चेतावनी दी कि मांगें जल्द पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा. 


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