रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में साल 2013 में केदारनाथ आपदा में हजारों लोग मारे गए थे. इसके अलावा सैकड़ों लापता लोगों का तो आज तक पता भी नहीं चल सका है. ऐसे में लापता लोगों के नर कंकाल की खोज की जाएगी. इसके लिए 10 टीमें बनाई गई हैं. पुलिस अधीक्षक (एसपी) नवनीत सिंह भुल्लर ने बुधवार सुबह सोनप्रयाग में टीमों को ब्रीफ करने के बाद रवाना किया. साथ ही एसपी केदारनाथ में रहकर टीमों को दिशा-निर्देश देंगे. हर टीम का नेतृत्व एक उप निरीक्षक द्वारा किया जा रहा है, जबकि टीम में दो आरक्षी जनपद पुलिस और दो आरक्षी एसडीआरएफ तथा एक फार्मासिस्ट तैनात किये गये हैं.


चार दिन तक चलेगा अभियान
भुल्लर ने बताया कि केदारनाथ आपदा में लापता हुए लोगों के मृत शरीर, नर कंकालों की खोजबीन के लिए चार दिवसीय सघन खोजबीन अभियान चलाया जा रहा है. गठित की गई टीमों में रुद्रप्रयाग से तीन उपनिरीक्षक, आठ आरक्षी, चमोली से दो उपनिरीक्षक, 6 आरक्षी, पौड़ी गढ़वाल से दो उपनिरीक्षक, 6 आरक्षी, एसडीआरएफ से तीन उप निरीक्षक, एक मुख्य आरक्षी व 19 आरक्षी तथा 10 फार्मासिस्ट सहित कुल 60 कार्मिक अभियान में शामिल रहेंगे. हर टीम को पर्याप्त मात्रा में कैम्पिंग टैंट, स्लीपिंग बैग, मैट्रस, रसद सामग्री, आवश्यक सुरक्षा उपकरण, वायरलेस सेट, फोटो वीडियोग्राफी के लिए कैमरे उपलब्ध कराये गये हैं. सभी मार्गों पर चलाये जाने वाले खोजबीन अभियान को सफल व सार्थक बनाये जाने के लिए गूगल मैप का उपयोग किया जायेगा.


7 साल बाद भी लापता लोगों की तलाश
बता दें कि 16/17 जून को केदारनाथ आपदा में हजारों लोग लापता हो गए थे. आपदा के सात सालों बाद भी लापता लोगों के नर कंकालों की खोज जारी है. आपदा के समय लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए केदारनाथ से विभिन्न ट्रैकिंग रूटों का सहारा लिया था. कई लोग रास्ता भटक गए और भूख-प्यास के कारण मौत का शिकार होना पड़ा.


नर कंकालों के डीएनए लिए जा रहे हैं..
आपदा के बाद से आज तक हजारों लोगों के शव बरामद नहीं हो पाए हैं, जिस कारण नर कंकालों की खोज कर डीएनए लिए जा रहे हैं. विगत वर्षों में भी आपदा में लापता लोगों के मृत शरीर व नर कंकालों की खोज के लिए टीमें गठित कर सर्च अभियान चलाया गया था. इस दौरान प्राप्त होने वाले नर कंकालों का विधिवत डीएनए सैंपल लेने के बाद रीति-रिवाज के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया.


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