देश भर में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण यानी SIR के क्रम में लाखों की संख्या में बूथ लेवल अधिकारी नियुक्ति किए गए हैं. हालांकि कई राज्यों में बीएलओ द्वारा आत्महत्या करने की खबरें भी आ रहीं हैं. कई बीएलओ का दावा कि उन पर काम का दबाव ज्यादा है और वह अधिकारियों के प्रेशर में काम नहीं कर पा रहे हैं. 

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4 नवंबर को शुरू हुई प्रक्रिया में 30 नवंबर तक कई राज्यों में बीएलओ ने या तो मौत को गले लगा लिया या हादसे का शिकार हो गए. 

इसमें मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से मामले सामने आए हैं. इन राज्यों में 25 बीएलओ की मौत हुई है. राज्य वार बात करें तो एमपीयूपी में 88, गुजरात में 6 और राजस्थान में तीन बीएलओ की मृत्यु विभिन्न कारणों से हुई है. निम्न आंकड़े 30 नवंबर 2025 तक के हैं.

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यहां जानें SIR के बीच कब-कब BLOs' की हुई मौत?

6 नवंबर, 2025दमोह, मध्य प्रदेशनाम: श्याम सुंदर शर्मामौत का कारण: SIR फील्डवर्क करते हुए सड़क दुर्घटना

11 नवंबर, 2025दतिया, मध्य प्रदेशनाम: उदयभान सिहारेमौत का कारण: आत्महत्या

16 नवंबर, 2025जयपुर, राजस्थाननाम: मुकेश जांगिड़मौत का कारण: आत्महत्या, कथित तौर पर ट्रेन के सामने कूदे

19 नवंबर, 2025जीवीडी, गुजरातनाम: रमेशभाई परमारमौत का कारण: ड्यूटी के दौरान हार्टअटैक

19 नवंबर, 2025सवाई माधोपुर, राजस्थाननाम: हरिओम बैरवामौत का कारण: टीहसीलदार के फोन कॉल के मिनटों बाद मौत

19 नवंबर, 2025झाबुआ, मध्य प्रदेशनाम: भुवन सिंह चौहानमौत का कारण: फांसी के बाद गिर गए

20 नवंबर, 2025रायसेन, मध्य प्रदेशनाम: रमाकांत पांडेमौत का कारण: SIR के लिए ऑनलाइन आधिकारिक बैठक के बाद बेहोशी

20 नवंबर, 2025तापी, गुजरातनाम: कल्पनाबेन पटेलमौत का कारण: हार्टअटैक

21 नवंबर, 2025दमोह, मध्य प्रदेशनाम: सीताराम गोंडमौत का कारण: मतदाता सूची सत्यापन कार्य के दौरान बेहोशी

21 नवंबर, 2025जूनागढ़, गुजरातनाम: अरविंद वाघेरेमौत का कारण: आत्महत्या

21 नवंबर, 2025लखनऊ, उत्तर प्रदेशनाम: विजय कुमार वर्मामौत का कारण: ब्रेन ब्लीडिंग

22 नवंबर, 2205वडोदरा, गुजरातनाम: उषा सोलंकीमौत का कारण: बी.एल.ओ. ड्यूटी के लिए सीनियर पर्यवेक्षक का इंतजार करते हुए बेहोशी

23 नवंबर, 2025नर्मदापुरम, मध्य प्रदेशनाम: सुजान सिंह रघुवंशीमौत का कारण: SIR ड्यूटी से लौटते हुए ट्रेन से टक्कर

24 नवंबर, 2025सूरत, गुजरातनाम: डिंकल शिंगोडावालामौत का कारण: अपने निवास के बाथरूम में मृत पाए गए

24 नवंबर, 2025शहडोल, मध्य प्रदेशनाम: मनीराम नापितमौत का कारण: SIR ड्यूटी के बाद घर जाते समय गिरने से मौत

25 नवंबर, 2025बालाघाट, मध्य प्रदेशनाम: अनीता नागेश्वरमौत का कारण: अत्यधिक बीमार, परिवार के अनुसार बीमार होने पर भी काम किया

25 नवंबर, 2025गोंडा, उत्तर प्रदेशनाम: विपिन यादवमौत का कारण: शुरुआत में जहरीला पदार्थ ग्रहण कर मौत

25 नवंबर, 2025फतेहपुर, उत्तर प्रदेशनाम: सुधीर कुमार कोरीमौत का कारण: शादी के लिए छुट्टी न मिलने से आत्महत्या

26 नवंबर, 2025बरेली, उत्तर प्रदेशनाम: संतोष कुमार गंगवारमौत का कारण: दिल का दौरा

26 नवंबर, 2025देवरिया, उत्तर प्रदेशनाम: रंजू दुबेमौत का कारण: काम दबाव के कारण मौत

28 नवंबर, 2025मेहसाणा, गुजरातनाम: दिनेश रावलमौत का कारण: दिल का दौरा

30 नवंबर, 2025देवरिया, उत्तर प्रदेशनाम: आशीष कुमारमौत का कारण: स्वास्थ्य खराब होने के कारण अस्पताल में मौत

30 नवंबर, 2025मुरादाबाद, उत्तर प्रदेशनाम: सर्वेश सिंहमौत का कारण: आत्महत्या

30 नवंबर, 2025धौलपुर, राजस्थाननाम: अनुज गर्गमौत का कारण: मानसिक दबाव के कारण सीने में दर्द और मौत

30 नवंबर, 2025बिजनौर, उत्तर प्रदेशनाम: शोभा रानीमौत का कारण: काम के दौरान हार्टअटैक

इन सबके बीच विपक्षी दलों ने भी चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. एक ओर यूपी में जहां समाजवादी पार्टी ने मारे गए बीएलओ के परिजनों को पार्टी फंड से 2 लाख रुपये देने का ऐलान करने के साथ ही आयोग से मांग की है कि 1 करोड़ रुपये मुआवजा दे. 

इस मुद्दे पर क्या बोले- कांग्रेस और बीजेपी?

उधर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मांग की है कि बीएलओ के अधिकारों की रक्षा की जाए. कांग्रेस नेता आयुष पांडेय ने एबीपी लाइव से बात करते हुए कहा कि पार्टी इस दुःख की घड़ी  में परिवारों के साथ खड़ी है. सर्वोच्च अदालत को स्वतः संज्ञान ले और बीएलओ का आयोग बीमा कराए. विपरीत परिस्थिति में काम कर रहे बीएलओ के लिए बेहतर इंतजाम होने चाहिए और अगर इनके साथ कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी आयोग को लेना चाहिए.

वहीं बीजेपी प्रवक्ता अमित चिमानी ने इस विषय पर कहा कि बीएलओ के साथ हमारी पूरी संवेदना है. जो हमारे आपके अधिकार है, वही बीएलओ के भी है. संविधान के तहत बीएलओ को जो अधिकार प्राप्त हैं, उस पर बीजेपी उनके साथ है. जहां पर भी कहीं एक राजनीतिक दल के सीमाओं के अंदर हमको कुछ करने, मानवीय मदद करने की जरूरत पड़ती है तो हम उसमें कभी पीछे नहीं रहे. हमारे निवेदन के बाद रायपुर में प्रशासन ने बीएलओ के सपोर्ट में स्टाफ लगाए हैं.