Most ducks For The Ashes: एशेज, दुनिया की सबसे पुरानी और रोमांचक टेस्ट राइवलरी में से एक है. इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जाने वाले इस मुकाबले में जहां बल्लेबाज अपने शतकों और गेंदबाज अपनी घातक गेंदबाजी के लिए याद रखे जाते हैं. वहीं कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिनके नाम एक ऐसा रिकॉर्ड दर्ज है, जिसे कोई भी खिलाड़ी नहीं पाना चाहता. वो है सबसे ज्यादा ‘डक’ का रिकॉर्ड.

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एशेज के लंबे इतिहास में कई दिग्गज खिलाड़ी ऐसे रहे जिनके बल्ले ने कभी-कभी उनका साथ नहीं दिया और वे बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए. आइए नजर डालते हैं उन 5 खिलाड़ियों पर जिनके नाम एशेज इतिहास में सबसे ज्यादा बार ‘डक’ का रिकॉर्ड दर्ज है.

सिड ग्रेगरी (ऑस्ट्रेलिया) - 11 डक

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सिड ग्रेगरी, जिन्होंने 1890 से 1912 तक एशेज में 52 मैच खेले, उनके नाम इस राइवलरी में सबसे ज्यादा 11 डक दर्ज हैं. दिलचस्प बात यह है कि वे एक शानदार बल्लेबाज भी थे और 201 रन की बेहतरीन पारी भी खेल चुके थे. उनके करियर का औसत 25.80 रहा, लेकिन कुछ मैचों में उनका बल्ला बिल्कुल खामोश रहा.

ग्लेन मैक्ग्रा (ऑस्ट्रेलिया) - 10 डक

ग्लेन मैक्ग्रा को दुनिया के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों में गिना जाता है, लेकिन बल्लेबाजी उनकी मजबूती नहीं थी. 1994 से 2007 के बीच एशेज में खेले 30 मैचों में उन्होंने 10 बार 0 रन पर पवेलियन लौटने का रिकॉर्ड बनाया. हालांकि, उनकी गेंदबाजी ने ऑस्ट्रेलिया को कई सीरीज जिताईं, इसलिए यह डक रिकॉर्ड उनके करियर को कभी धूमिल नहीं कर पाया.

शेन वार्न (ऑस्ट्रेलिया) - 10 डक

शेन वॉर्न जिन्हें क्रिकेट इतिहास का सबसे महान लेग स्पिनर माना जाता है. हालांकि बल्लेबाजी में वे भी कई बार संघर्ष करते दिखे. एशेज में उनके नाम भी 10 डक दर्ज हैं. इसके बावजूद उन्होंने 90 रन की शानदार पारी खेलकर यह दिखाया कि वे जरूरत पड़ने पर टीम को संभाल सकते हैं.

डैरेन गफ (इंग्लैंड) – 9 डक

इंग्लैंड के तेज गेंदबाज डैरेन गफ ने 1994-2001 के बीच एशेज में 17 मैच खेले और उनके नाम 9 बार शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड जुड़ा. गफ अपनी स्विंग गेंदबाजी से बल्लेबाजों को परेशान करने के लिए जाने जाते थे. इसलिए उनकी बल्लेबाजी का कमजोर होना टीम के लिए बड़ा मुद्दा कभी नहीं बना.

डिक लिली (इंग्लैंड) - 9 डक

1896 से 1909 के बीच खेलने वाले विकेटकीपर-बल्लेबाज डिक लिली ने 32 मैचों में 9 बार बिना रन बनाए पवेलियन का रुख किया. इंग्लैंड के लिए भले ही वे भरोसेमंद खिलाड़ी थे, लेकिन एशेज में उनका बल्ला अक्सर खामोश रहा.