लखनऊ। 'बीजेपी के अच्छे दिन आने वाले हैं' नारे के मुकाबले अब समाजवादी पार्टी 'सच्चे दिन' लाने की बात कर रही है। लखनऊ में समाजवादी पार्टी कार्यालय के आसपास ऐसे होर्डिंग लगाए गए हैं जिसमें लिखा है 'सच्चे दिन आने वाले हैं'. हालांकि बीजेपी इस पोस्टर को लेकर समाजवादी पार्टी से सवाल कर रही है. उसका कहना है कि स्लोगन तो चुराया जा सकता है लेकिन काम की प्रमाणिकता नहीं.


लखनऊ में समाजवादी पार्टी दफ्तर के बाहर इन दिनों तमाम कार्यकर्ताओं, पार्टी के नेताओं ने नवरात्र दशहरे दीपावली की बधाई देते हुए पोस्टर और होर्डिंग लगाए हैं. इन सबके बीच एक होर्डिंग इस समय चर्चा का केंद्र बना हुआ है. वह इसलिए कि इस होर्डिंग के जरिए समाजवादी पार्टी बीजेपी के 'अच्छे दिन आने वाले हैं' स्लोगन का जवाब दे रही है. यह हार्डिंग ना केवल पार्टी दफ्तर के सामने बल्कि अखिलेश यादव के आवास के सामने भी लगाए गए हैं. इसमें साफ लिखा है 'सच्चे दिन आने वाले हैं'. यह पोस्टर समाजवादी पार्टी के नेता जयराम पांडे की तरफ से अखिलेश यादव को जन्मदिन की बधाई देते हुए लगवाया गया है.


2014 में मिली थी काफी लोकप्रियता
गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के 'अच्छे दिन आने वाले हैं' स्लोगन को काफी लोकप्रियता मिली थी. बीजेपी बहुमत से सत्ता में काबिज भी हुई थी. शायद समाजवादी पार्टी को भी यह लग रहा है कि 'अच्छे दिन' के मुकाबले अगर वह 'सच्चे दिनों' की बात करेगी तो आम वोटर को यह जल्दी समझ में आएगा और उसे इसका फायदा विधानसभा चुनाव में मिल सकता है.


बीजेपी का सपा पर वार
हालांकि, बीजेपी इस होर्डिंग को लेकर समाजवादी पार्टी पर निशाना साध रही है. पार्टी के प्रवक्ता मनीष शुक्ला कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए जो विकास किए थे, उसी के आधार पर अच्छे दिनों की बात बीजेपी ने की थी. वहीं, समाजवादी पार्टी, जिसने माफियाओं, भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दिया, उनके पास बताने को इसके अलावा कुछ भी नहीं है. शुक्ल ने कहा कि वह (सपा) केवल स्लोगन चुरा सकते हैं लेकिन किसी के काम की प्रमाणिकता नहीं.


सपा ने दिया ये जवाब
वहीं बीजेपी के आरोपों पर सपा के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि समाजवादी पार्टी, बीजेपी की तरह जुमलेबाजी नहीं करती. सपा जो बोलती है, जो वादे करती है, वह पूरा करके दिखाती है. फिर चाहे वह लैपटॉप का वादा रहा हो तो या एक्सप्रेस वे की बात हो. उन्होंने कहा कि सपा का काम बोलता है। गौरतलब है कि इस बात में कोई दो राय नहीं है कि चुनाव में अच्छे नारों और अच्छे स्लोगन का वोटर पर प्रभाव भी पड़ता है. शायद बीजेपी के 'अच्छे दिन आने वाले हैं' से प्रेरित होकर सपा ने 'सच्चे दिन आने वाले हैं' नारे का जवाब दिया है.


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