राजस्थान में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) पर भारी काम का बोझ पड़ने की शिकायतें लगातार मिल रही थीं. इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए राज्य निर्वाचन विभाग ने बीएलओ को राहत देने के लिए बड़ा फैसला लिया है. अब पुनरीक्षण कार्य में अतिरिक्त बीएलओ और सूचना सहायकों की नियुक्ति की जाएगी.

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वर्तमान में 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण चल रहा है. इस दौरान फॉर्म-6, फॉर्म-7 और फॉर्म-8 वितरित करने और घर-घर जाकर सत्यापन करने का भारी काम बीएलओ को करना पड़ रहा है. कई जगहों पर एक ही बीएलओ को सैकड़ों घरों का सत्यापन करना पड़ रहा था, जिससे काम में देरी और तनाव बढ़ रहा था.

अतिरिक्त कर्मचारियों को तुरंत करें नियुक्त 

निर्वाचन आयोग ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं कि वे बीएलओ की मदद के लिए अन्य विभागों से अतिरिक्त कर्मचारियों को तुरंत नियुक्त करें. खास तौर पर स्कूल शिक्षकों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े, इसका विशेष ध्यान रखने को कहा गया है. आयोग ने साफ कहा है कि दिसंबर में स्कूलों में अर्ध-वार्षिक परीक्षाएं होने वाली हैं, इसलिए शिक्षकों का शैक्षणिक काम प्रभावित नहीं होना चाहिए. शिक्षकों को इस काम में केवल तभी लगाया जाए जब कोई दूसरा विकल्प न हो.

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आयोग के मुताबिक, हमने देखा कि कई बीएलओ लगातार 10-12 घंटे काम कर रहे थे. शिक्षकों की ड्यूटी लगने से उनके विद्यालय का काम भी प्रभावित हो रहा था, इसलिए अब अन्य विभागों के कार्मिकों को प्राथमिकता के साथ लगाया जाएगा.

प्रशिक्षण देकर जल्दी ही उतारा जाएगा मैदान में

इसके अलावा कुछ जिलों में रिटायर्ड कर्मचारियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा सहयोगिनियों को भी सहायक के तौर पर लगाने की योजना है. नए नियुक्त सहायक कर्मचारियों को जल्दी ही प्रशिक्षण देकर मैदान में उतारा जाएगा, ताकि 4 दिसंबर की समय सीमा में काम पूरा हो सके.

राज्य निर्वाचन आयोग का कहना है कि यह कदम न सिर्फ बीएलओ का तनाव कम करेगा, बल्कि मतदाता सूची को और सटीक बनाने में भी मदद मिलेगी. आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा है कि इन निर्देशों का सख्ती से पालन करें और रोजाना की प्रगति रिपोर्ट भेजें.